निजी क्षेत्र के बैंकिंग प्रमुखों का मानना है कि बैंकिंग में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है, लेकिन बैंकों को टेक्नोलॉजी कंपनियों में तब्दील नहीं किया जा सकता।
मुंबई में बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में भारत के कुछ सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों के प्रमुखों के अनुसार अन्य लोगों की पूंजी का प्रबंधन करने में सतर्कता की आवश्यकता, जोखिम प्रबंधन के लिए अलग अलग दृष्टिकोण और अनुपालन जरूरतें यह निर्धारित कर सकती हैं कि बैंकिंग क्षेत्र को प्रौद्योगिकी किस हद तक प्रभावित कर सकती है। ये बैंक प्रमुख मंगलवार को कंसल्टिंग एडिटर तमाल बंद्योपाध्याय के मार्गदर्शन वाले पैनल चर्चा सत्र में बोल रहे थे।
ऐक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ चौधरी ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी कंपनियां मानती हैं कि उनका लक्ष्य तेजी से आगे बढ़ना है और वह तेजी से विफल होती हैं। हमें जोखिम प्रबंधन के नजरिये से सावधानी बरतनी होगी। अनुपालन के नजरिये से कोई प्रौद्योगिकी कंपनी यह मान सकती है कि उसे राहत मिल सकती है। लेकिन हमें अनुपालन के संबंध में ऐसी राहत या छूट नहीं मिलती।’
एचएसबीसी के मुख्य कार्याधिकारी हितेंद्र दवे ने कहा, ‘यह भरोसे का व्यवसाय है। टेक्नोलॉजी के लिए अपनी कोशिश में हमें इसे नजरअंदाज नहीं कर देना चाहिए। भरोसा बैंकों और बैंकिंग से जुड़ा महत्वपूर्ण शब्द है। यह भरोसा तोड़ा नहीं जाना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि बैंकों को व्यवसाय संचालित करने के तरीके में सुधार के मामले में प्रौद्योगिकी कंपनियों से बहुत कुछ सीखना है।
सिटीबैंक के मुख्य कार्याधिकारी अंशु खुल्लर ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी कंपनियों ने हमें यह अच्छी तरह से सिखाया है कि किसी एक समस्या को उठाओ, गहराई तक जाओ और उसका समाधान तलाशो। मुझे लगता है कि बैंकों के रूप में, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उनके साथ साझेदारी करें, हम उनसे सीखें।’
उन्होंने कहा, ‘स्वयं को तकनीकी उन्नयन के अनुरूप नहीं ढालने वाले बैंक अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं होंगे। पिछले 10 वर्षों में, कारोबार में डिजिटल लेनदेन 10 गुना तक बढ़ा है। यह वैल्यू के लिहाज से दोगुना बढ़ा है। नियमन बैंकों के लिए काफी मजबूत है, यदि हम एक टेक्नोलॉजी कंपनी बनना चाहें तो यह कठिन और जोखिम भरा होगा।’
भारत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड की मुख्य कार्याधिकारी जरीन दारूवाला का कहना है कि ऐसे उदाहरण हैं जब विदेशी बैंकों ने अन्य क्षेत्राधिकारों में डिजिटल बैंक स्थापित किए हैं।