भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का शेयर (Bharat electronics share) सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया जब सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी ने पिछले हफ्ते 3,915 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की घोषणा की।
कंपनी को भारतीय सेना से रडार के सालाना रखरखाव अनुबंध (एएमसी) से संबंधित 580 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले। कंपनी ने संकेत दिया कि यह परियोजना भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सहायक उद्योगों ( मध्यम व छोटे एंटरप्राइजेज समेत) को शामिल करेगी, जो बीईएल के सब-वेंडर हैं। बीईएल का शेयर शुक्रवार को एनएसई पर करीब 3 प्रतिशत चढ़कर 169 रुपये पर बंद हुआ।
कंपनी को एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग ऐंड कंट्रोल (एईडब्ल्यूऐंडसी) सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और रात्रि में देखे जाने वाले दूरबीन से संबंधित एएमसी के लिए 3,335 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऑर्डर भी मिले हैं। ताजा ऑर्डर के साथ कंपनी की कुल ऑर्डर बुक 2023-24 के लिए संचयी आधार पर 18,298 करोड़ रुपये हो गई है।
ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि मौजूदा ऑर्डर और आगे मिलने वाले ऑर्डर से कंपनी को अपने सालाना लक्ष्य से आगे निकलने में मदद मिलेगी।
अमित दीक्षित की अगुआई में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, हमें वित्त वर्ष 24 की बाकी अवधि में 6,800 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ऑर्डर मिलने की उम्मीद है, जो भारतीय सेना से फ्यूज के लिए (अनुमानित तौर पर 4,000 करोड़ रुपये) और नेवल प्लेटफॉर्म के लिए सबसिस्टम्स (करीब 2,800 करोड़ रुपये) के लिए मिलेगा।
इससे वित्त वर्ष 24 की ऑर्डर बुक 25,000 करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है जबकि मौजूदा अनुमान 20,000 करोड़ रुपये का है। ब्रोकरेज ने कहा, मध्यम अवधि में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए मजबूत ऑर्डर के मौके हैं।
ऐसे मजबूत ऑर्डर में कई बड़े अनुबंध मसलन 20,000 करोड़ रुपये का क्विक रिएक्शन सरफेस टु सरफेस मिसाइल ऑर्डर और 15,000 करोड़ रुपये के मध्यम श्रेणी के सरफेस टु सरफेस मिसाइल, लंबी दूरे वाले रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक व्यवस्था से जुड़े ऑर्डर शामिल हैं। यह बीईएल के लिए 20,000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा का सालाना ऑर्डर सुनिश्चित करेगा।
वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही के आखिर में अपूर्ण सौदे 68,700 करोड़ रुपये के थे, जो सालाना आधार पर 30 फीसदी ज्यादा है और यह पिछले 12 महीने के राजस्व का 3.8 गुना बैठता है। आगे मिलने वाले ऑर्डर व इसमें मिलने वाले मौके आदि से अगले तीन से चार साल में राजस्व के मामले में मजबूत स्पष्टता देखने को मिल सकती है। क्रियान्वयन की रफ्तार पर ब्रोकरेज फर्में नजर रखेंगी और इसमें किसी तरह के सुधार से शेयर में और बढ़ोतरी हो सकती है।
जुलाई-सितंबर की तिमाही में कंपनी का राजस्व अनुमान से कम रहा, जिसकी वजह वित्त वर्ष 24 की दूसरी छमाही में क्रियान्वयन को लेकर जमा पिछले ऑर्डर हैं।
कंपनी के नतीजे मिले-जुले रहे और एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले राजस्व स्थिर रहे जबकि परिचालन के मोर्चे पर प्रदर्शन मजबूत था। कंपनी का सकल मार्जिन एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 550 आधार अंक बढ़ा।