नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने उड़ान में विलंब, अनुपयोगी सीटों से प्रभावित यात्रियों को मुआवजा देने में विफल रहने और ग्राउंड स्टाफ को नियमों के अनुसार प्रशिक्षित नहीं करने की वजह से एयर इंडिया (Air India) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
यह पहली बार नहीं है जब एयर इंडिया यात्री मुआवजे से संबंधित नियमों के उल्लंघन की वजह से नियामक की जांच के दायरे में आई है।
पिछले साल जून में भी, नियामक ने एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इसकी वजह यह थी कि एयरलाइन ने उन यात्रियों को मुआवजा नहीं दिया था, जिन्हें उसने वैध टिकट होने के बावजूद विमान में चढ़ने से रोक दिया था।
डीजीसीए ने कहा है कि उसने मई और सितंबर में दिल्ली, कोच्चि और बेंगलूरु में सभी घरेलू एयरलाइनों के परिचालन की जांच की थी और प्रभावित यात्रियों के लिए सुविधाओं/मुआवजे के संबंध में नियमों के अनुपालन का पता लगाया था।
उसने कहा है, ‘एयरलाइनों के निरीक्षण के दौरान यह पाया गया था कि एयर इंडिया जरूरी सीएआर (नियम) का पालन नहीं कर रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए 3 नवंबर, 2023 को एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी कर जरूरी नियमों के गैर-अनुपालन पर जवाब देने को कहा गया था।’
डीजीसीए ने कहा है कि एयर इंडिया ने उसके सवाल का जवाब सौंप दिया है और नियामक ने यह निष्कर्ष निकाला है कि एयरलाइन ने कई नियमों का पालन नहीं किया। इनमें विलंबित उड़ानों से प्रभावित यात्रियों को ठहरने के लिए होटल की सुविधा प्रदान नहीं कराना, अपने कुछ ग्राउंड स्टाफ को प्रशिक्षित करने में विफल रहना और उन अंतरराष्ट्रीय बिजनेस क्लास यात्रियों (जो अनुपयोगी सीटों पर यात्रा करने को बाध्य हुए थे) को मुआवजा नहीं चुकाना मुख्य रूप से शामिल हैं।