इलेक्ट्रिक कारें अब भी घर-परिवारों की पहली कार नहीं हैं और सार्वजनिक चार्जिंग के अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण दूसरा या तीसरा विकल्प बनी हुई हैं, जिससे वाहनों से लंबी दूरी के सफर को लेकर चिंता बढ़ रही है। मारुति सुजूकी इंडिया के वरिष्ठ कार्य अधिकारी (मार्केटिंग एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने यह जानकरी दी है।
उन्होंने ग्रैंड विटारा एसयूवी का फैंटम ब्लैक मॉडल पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि इसके अलावा वाहन उद्योग की कुल यात्री वाहन बिक्री में स्पोर्ट यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) की हिस्सेदारी में वृद्धि आगे चलकर स्थिर हो जाएगी, क्योंकि समय के साथ-साथ लोगों की प्राथमिकताएं बदलती रहती हैं।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2024-25 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री सालाना आधार पर केवल 17.64 प्रतिशत बढ़कर 107,645 पर पहुंची है।
उन्होंने कहा, ‘हम भी इस साल ई-विटारा पेश करने के साथ इलेक्ट्रिक कार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। हमें ग्राहकों की बुनियादी चिंताओं का समाधान करना होगा। चार्जिंग के बुनियादी ढांचे की कमी के कारण इलेक्ट्रिक कारों के लंबी दूरी के सफर को लेकर चिंता बढ़ रही है। जब तक इसका समाधान नहीं हो जाता, तब तक इलेक्ट्रिक कार ग्राहकों की पहली कार नहीं होगी।’
उन्होंने कहा, ‘लोगों को यह आश्वस्त करने के लिए चार्जिंग के सार्वजनिक ढांचे की जरूरत है कि हर 50 से 100 किलोमीटर पर चार्जिंग पॉइंट मौजूद हैं।’