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Apple के सीईओ टिम कुक से देश में iPhone बनाने की गुजारिश

कुक, अगले सप्ताह अपने निजी विमान से भारत आ रहे हैं। वह मुंबई और दिल्ली में ऐपल के पहले सिंगल ब्रांड स्टोर लॉन्च करेंगे।

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सुरजीत दास गुप्ता
Last Updated- April 14, 2023 | 11:37 PM IST

ऐपल के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) टिम कुक भारत यात्रा पर आने वाले हैं और उससे पहले देश में सरकारी अधिकारी क्यूपर्टिनो मुख्यालय वाली दिग्गज तकनीक कंपनी के प्रमुख के साथ बातचीत के बिंदुओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार चाहती है कि ऐपल देश में आईफोन के निर्माण और इसे असेंबल करने में कंपनी की भागीदारी को और बढ़ाए।

उनका कहना था कि इसके अलावा यह भी उम्मीद की जा रही है कि कंपनी मोबाइल उपकरणों के लिए, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत की गई न्यूनतम प्रतिबद्धताओं तक खुद को सीमित न करे। दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी इन्हीं बिंदुओं पर केंद्रित होने की संभावना है।

एक अधिकारी ने बताया कि इससे अतिरिक्त नौकरियों के मौके बनेंगे और इसका दायरा बढ़ने पर यह देश को एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद करेगा जिसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ जोड़ा जा सकता है।

कुक, अगले सप्ताह अपने निजी विमान से भारत आ रहे हैं। वह मुंबई और दिल्ली में ऐपल के पहले सिंगल ब्रांड स्टोर लॉन्च करेंगे। यात्रा के दौरान, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के अलावा अन्य शीर्ष सरकारी अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कुक के साथ सरकार की बैठक के एजेंडे के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, ‘हमारा जोर इस बात पर होगा कि ऐपल से देश में आईफोन के निर्माण और उसे असेंबल करने के लिए अपने जुड़ाव को गहरा करने के लिए कहा जाय। इससे हमें देश में अधिक नौकरियों के अवसर बनाने और एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने में मदद मिलेगी।’

अधिकारी ने कहा कि ऐपल पहले से ही देश में फॉक्सकॉन के साथ आईपॉड असेंबल करने की योजना बना रही है।

निश्चित रूप से अधिक स्मार्टफोन बनाने पर जोर देने की बात समझ में आती है क्योंकि ऐपल के 394 अरब डॉलर के वैश्विक राजस्व में इनकी हिस्सेदारी 52 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावा, इसके तीन वेंडर फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन द्वारा पीएलआई योजना के तहत दी गई समग्र योजनाओं और विभिन्न अनुमानों के आधार पर ऐसा अनुमान है कि ऐपल चीन से अपने कुल आईफोन असेंबली संचालन का 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत के बीच भारत में स्थानांतरित कर सकती है।

पीएलआई योजना के अंतिम वर्ष वित्त वर्ष 2026 के लिए सरकार की प्रतिबद्धताओं के अनुसार, तीन वेंडरों को कुल मिलाकर कम से कम 9 अरब डॉलर का आईफोन बनाना होगा, तब ही वे इस प्रोत्साहन के पात्र होंगे।

हालांकि, सरकार से हुए समझौते के मुताबिक वे अधिक फोन असेंबल कर ज्यादा से ज्यादा 15 अरब डॉलर की प्रोत्साहन का दावा कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि अन्य कंपनियां ( सैमसंग और भारत

एफआईएच, जो फॉक्सकॉन समूह का हिस्सा है और गैर-ऐपल फोन बनाती है) अगर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर पाती हैं तो वे अधिकतम सीमा से अधिक उत्पादन भी कर सकते हैं।
उद्योग के एक जानकार ने कहा, ‘अगर भारत एफआईएच अपनी प्रतिबद्धताओं की पूर्ति नहीं करती है तो ऐपल के वेंडरों को 15 अरब डॉलर की बजाय 20 अरब डॉलर पर भी प्रोत्साहन मिल सकता है। कंपनी योजना के पहले साल प्रोत्साहन का दावा नहीं कर पाई थी क्योंकि यह उत्पादन का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी थी।’

First Published : April 14, 2023 | 11:30 PM IST