Gold Outlook: दिवाली वीक में सोना महंगा होगा या सस्ता? जानें कैसी रहेगी चालएमिरेट्स NBD के 3 अरब डॉलर के निवेश से RBL बैंक को बड़े बैंकों की लीग में मिलेगी एंट्री!India vs Australia 1st ODI: ऑस्ट्रेलिया ने पहले वनडे में भारत को सात विकेट से हरायाBihar Elections 2025: पीएम मोदी 24 अक्टूबर को चुनावी रण में उतरेंगे, पहली रैली समस्तीपुर मेंसामान्य पटाखे से लेकर हरित पटाखे तक: कैसे नियमों ने इस उद्योग की आपूर्ति श्रृंखला को पूरी तरह बदल दिया है?Upcoming NFO: दिवाली पर डबल धमाका! दो नई स्कीमें लॉन्च को तैयार, ₹100 से निवेश का सुनहरा मौकादिवाली सीजन में मचा फूड डिलीवरी का धमाल! Swiggy और Magicpin पर ऑर्डर्स ने तोड़े रिकॉर्डहेल्थ इंश्योरेंस रिन्यूअल में देरी घाटे का सौदा! एक्सपर्ट से समझें इससे क्या-क्या हो सकता है नुकसानMeesho दिसंबर में लाएगी अपना IPO, SEBI के पास अपडेटेड DRHP फाइल; $800 मिलियन जुटाएगी कंपनीMarket Outlook: दिवाली वीक में वैश्विक रुझान, FPI के रुख, तिमाही नतीजों से तय होगी बाजार की चाल
अन्य समाचार छात्र के पाठ्यक्रम छोड़ने पर संस्थान फीस रोक कर नहीं रख सकता
'

छात्र के पाठ्यक्रम छोड़ने पर संस्थान फीस रोक कर नहीं रख सकता

PTI

- July,06 2012 5:35 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी के एक उपभोक्ता फोरम ने कहा है कि यदि कोई छात्र कक्षा किए बगैर किसी पाठ्यक्रम को छोड़ देता है तो शैक्षणिक संस्थान छात्र की ट्यूशन फीस रोक कर नहीं रख सकता है।

फोरम ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी :निफ्ट: से एक छात्र को फीस वापस करने का आदेश देते हुए यह बात कही।

पूर्वी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने कहा, फोरम का और दिल्ली राज्य आयोग का यह मानना है कि अगर संस्थान ने ट्यूशन प्रदान नहीं किया है या, छात्र ने कक्षा नहीं की है तो संस्थान को ट्यूशन फीस रोक कर रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है । वह सिर्फ उतनी ही राशि घटाने का हकदार है जितनी कि नामांकन की प्रक्रिया में खर्च हुई हो।

एनए जैदी की अध्यक्षता में फोरम ने यह आदेश जारी किया। दरअसल, शहर के बाशिंदे राजेश अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी बेटी के दाखिले के लिए निफ्ट में ट्यूशन फीस के तौर पर 51, 750 रूपया जमा किया था। हालांकि वह :उनकी बेटी: कक्षा में शामिल होने में सक्षम नहीं थी और उसने संस्थान छोड़ दिया था।

अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा था कि निफ्ट ने उन्हें सिर्फ 25,000 रूपये वापस किए।

फोरम ने इस बात का जिक्र किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग :यूजीसी: के दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई संस्थान सिर्फ नामांकन प्रक्रिया में खर्च हुई प्रतीक स्वरूप राशि के रूप में 1,000 रूपये की कटौती कर सकता है और ट्यूशन फीस नहीं रख सकता है।

फोरम ने 25,750 रूपया लौटाने को कहा।

भाषा

संबंधित पोस्ट