तुर्की के पिस्टल शूटर यूसुफ डिकेक दुनिया भर में चर्चा का विषय बने हुए हैं। मंगलवार को पेरिस ओलंपिक खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में उनकी शानदार जीत के बाद, वे सोशल मीडिया पर छा गए हैं। 51 साल के इस ओलंपियन ने अपने बारे में बने तुर्की भाषा के मीम्स का एक वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। उन्होंने दुनिया भर में अपने जश्न को एनर्जी देने वाला बताया है।
यूसुफ डिकेक इंटरनेट पर इसलिए वायरल हो गए क्योंकि मंगलवार के मुकाबले में वह अलग अंदाज में उतरे। जबकि अन्य खिलाड़ी विशेष कपड़े और चश्मे पहनकर आए थे, दिकेच एक साधारण टी-शर्ट में पहुंचे। उन्होंने मिक्स्ड टीम 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में बिना किसी सुरक्षात्मक गियर या खास लेंस के हिस्सा लिया। उनका यह अंदाज दुनिया भर में लोगों को बहुत पसंद आया और वे तेजी से मशहूर हो गए।
यूसुफ डिकेक और उनकी साथी सेव्वल इलायदा तरहान ने इस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता। भारत के मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। दिकेच ने मंगलवार को कहा, “मुझे उम्मीद है कि अगली बार लॉस एंजिलिस में स्वर्ण पदक मिलेगा।” वे 2028 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की बात कर रहे थे।
दिकेच का जन्म 1973 में हुआ था। वे 2008 से हर ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेते रहे हैं। इस बार पेरिस ओलंपिक में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल पुरुष स्पर्धा में भी भाग लिया, जिसमें वे 13वें स्थान पर रहे।
तुर्की के निशानेबाज़ युसुफ दीकेक की दिलचस्प ज़िंदगी
ओलंपिक वेबसाइट के मुताबिक, दिकेच को डांस बहुत पसंद है। लेकिन शूटिंग की दुनिया में वे तब आए जब वो तुर्की की सेना, जिसे ‘जेंडरमेरी जनरल कमांड’ कहते हैं, में एक अफसर बन गए। उन्होंने साल 2001 से शूटिंग की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया।
जेंडरमेरी जनरल कमांड तुर्की के गृह मंत्रालय की एक सशस्त्र एजेंसी है जो देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखती है। नाटो के एक संगठन, नाटो सेंटर्स ऑफ़ एक्सीलेंस के मुताबिक, इस एजेंसी की शुरुआत साल 1839 में हुई थी।
मज़ेदार बात ये है कि डिकेक, जिन्हें मंगलवार को निशाना लगाते वक्त जेब में हाथ रखे देखा गया था, का मानना है कि “सफलता जेब में हाथ डाले नहीं मिलती”। ये बात उनकी ओलंपिक वेबसाइट की बायो में लिखी है। डिकेक चार बार ओलंपिक खेल चुके हैं और इसके अलावा सात बार यूरोपीय चैंपियन भी बन चुके हैं।