देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजूकी चिकित्सा जरूरतों के लिए ऑक्सीजन गैस उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करेगी और हरियाणा में अपनी निर्माण इकाइयों को बंद करेगी। मारुति सुजूकी ने कहा है कि सुजूकी मोटर ने भी गुजरात में अपनी निर्माण इकाई बंद करने का निर्णय लिया है।
दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता हुंडई ने भी कहा है कि वह विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन बनाने वाले संयंत्र लगाएगी।
कंपनी ने इसके लिए सालाना मैंटेनेंस के लिए बंद के समय में बदलाव किया है। कंपनी अब इस मैंटेनेंस प्रक्रिया के तहत अपने संयंत्रों को जून से पहले ही 1 से 9 मई के बीच बंद करेगी। मारुति सुजूकी ने कहा है कि वह लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन पहुंचाने में सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्घ है।
मारुति सुजूकी की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘कार निर्माण प्रक्रिया के तहत, मारुति सुजूकी सामान्य तौर पर अपनी फैक्टरियों में छोटी मात्रा में ऑक्सीजन का इस्तेमाल करती है, जबकि कलपुर्जा निर्माताओं द्वारा इसका इस्तेमाल ज्यादा मात्रा में किया जाता है। हमारा मानना है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण हालात में, सभी उपलब्ध ऑक्सीजन लोगों की जान बचाने में इस्तेमाल की जानी चाहिए।’
कंपनी ने जानकारी दी है कि सुजूकी मोटर गुजरात ने भी अपने संयंत्र के लिए इसी तरह का निर्णय लिया है।
स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में मारुति सुजूकी ने कहा है कि वह चिकित्सा जरूरतों के लिए ऑक्सीजन गैस उपलब्ध कराने के प्रयास में हरियाणा में अपनी निर्माण इकाइयां बंद रखेगी। हुंडई ने अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने के लिए 20 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। कंपनी ने कहा है, ‘इस निवेश का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों को ऑक्सीजन को लेकर सक्षम बनाना और गंभीर हालत वाले मरीजों की मदद करना है। इसके अलावा, एचएमआईएफ ने विभिन्न अस्पतालों में सहायक स्टाफ मुहैया कराने, चिकित्सा देखभाल सुविधाएं स्थापित करने, और जरूरत पडऩे पर परिचालन लागत वहन करने की भी घोषणा की है।’
मारुति सुजूकी उत्पादन के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन का इस्तेमाल नहीं करती है, बल्कि उसके आपूर्तिकर्ता (इस्पात निर्माताओं समेत) निर्माण प्रक्रिया के लिए इस गैस का इस्तेमाल करते हैं। मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, ‘हम स्वयं भी ऑक्सीजन के छोटे उपयोगकर्ता हैं, लेकिन हमारे ऐसे आपूर्तिकर्ता ऑक्सीजन के बड़े उपयोगकर्ता हैं जो विभिन्न कलपुर्जों का निर्माण करते हैं।’