इलेक्ट्रिक-स्कूटर बनाने वाली आठ प्रमुख कंपनियों (कुल बाजार हिस्सेदारी करीब 95 फीसदी) के स्कूटरों का पंजीकरण मई महीने में 24 फीसदी से ज्यादा घटकर 32,630 वाहनों तक रहा। 31 मई की शाम तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन डेटा के मुताबिक पिछले महीने 43,098 ई-स्कूटर का पंजीकरण हुआ था। वाहन क्षेत्र के विश्लेषकों का कहना है कि पंजीकरण में कमी आने की वजह, बाजार में ऐसे वाहनों (जिसका अंदाजा अधिक बुकिंग से भी लगता है) की शुरुआती मांग में स्थिरता आना है और अब ये आंकड़े अधिक वास्तविक दिख रहे हैं।
ओला इलेक्ट्रिक ने पंजीकरण आंकड़े के लिहाज से अप्रैल में अहम पड़ाव हासिल कर लिया वहीं ओकिनावा ने मई में यह पड़ाव हासिल कर लिया। अप्रैल के मुकाबले 31 प्रतिशत की गिरावट के साथ, ओला पंजीकरण ने 8681 का आंकड़ा छू लिया जबकि पिछले महीने की 19 फीसदी गिरावट की तुलना में 8888 ओकिनावा का पंजीकरण हुआ।
वहीं हीरो इलेक्ट्रिक के पंजीकरण में कमी जारी रही वहीं कुछ हफ्ते पहले ही नैशनल इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड से
12.8 करोड़ डॉलर की ताजा फंडिंग पाने वाली कंपनी एथर एनर्जी और हीरो मोटोकॉर्प (जिसकी 35 प्रतिशत इक्विटी है) के पंजीकरण में बढ़त के रुझान दिखे जिसमें पिछले महीने की तुलना में मई महीने में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है लेकिन यह तादाद अब तक 3098 वाहन तक है। हालांकि इस संख्या में बजाज ऑटो और टीवीएस के आंकड़े शामिल नहीं हैं जिसे वाहन की वेबसाइट पर भी अलग से नहीं दिखाया जाता है।
नोमुरा में वाहन खुदरा कंसंल्टिंग प्रैक्टिस के प्रमुख हर्षवर्धन शर्मा ने कहा, ‘बढ़ी हुई मांग अब स्थिर हो रही है और बाजार में उभार स्वाभाविक है लेकिन इसमें अब स्थिरता आ रही है।’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा मांग में कमी की तीन अन्य वजहें भी हैं मसलन आग लगने की घटनाओं, चिप की कमी और आपूर्ति की बाधाओं और इन महीने में कम मांग ने भी पंजीकरण में कमी में अहम भूमिका निभाई है।
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के निर्माता निश्चित तौर पर इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला को कसूरवार ठहराते हैं और उनका कहना है कि वे बढ़ती मांग को देखते हुए अधिक वाहन तैयार कर सकते हैं लेकिन उनके पास निर्माण के लिए चिप और अन्य कलपुर्जों की कमी है। सह-संस्थापक तरुण मेहता का कहना है कि अगर चिप की कमी की समस्या आगे नहीं बढ़ी तब उद्योग को महीने के आखिर में 100,000 इलेक्ट्रिक स्कूटरों का उत्पादन करने में सक्षम होना चाहिए क्योंकि उनके लिए मांग और बुकिंग बढ़ रही है। एथर का कहना है कि मांग पूरी करने के लिए वे एक महीने में 10,000 वाहन तैयार कर सकते हैं लेकिन वे केवल 30 फीसदी क्षमता का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। हीरो इलेक्ट्रिक ने पंजीकरण में कमी पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और ओला इलेक्ट्रिक ने सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
इस साल पंजीकरण में महीने दर महीने तेज वृद्धि के दम पर विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि चिप की कमी के बावजूद इलेक्ट्रिक स्कूटर इस कैलेंडर वर्ष के आखिर में 7-8 लाख वाहनों के स्तर को छू लेंगे। जनवरी के मुकाबले फरवरी महीने में पंजीकरण में 15 फीसदी की तेजी आई जबकि मार्च महीने में इसमें 58 फीसदी की तेजी आई। इसने उद्योग के लिए एक अहम बदलाव को दर्शाया जो कुल स्कूटर बाजार (आईसीई और इलेक्ट्रिक स्कूटरों में) की 13 फीसदी हिस्सेदारी को दर्शाता है। इसने लक्ष्य तय किया है कि 2023 में यह बढ़कर 15 लाख से 20 लाख हो जाएगा जिससे यह कुल दोपहिया बाजार (स्कूटर और मोबाइक) की 10 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर लेगा जो सालाना 1.8 से 2 करोड़ तक है। लेकिन अप्रैल महीने में यह तेजी स्थिर होती दिखी जबकि यह मार्च के समान स्तर पर था। लेकिन मई महीने की कहानी बिल्कुल अलग है। पांच महीने का औसत पंजीकरण प्रतिमाह 34,700 वाहन के स्तर पर है और इस कैलेंडर वर्ष के लिए 6 लाख आंकड़े को पार करने के लिए हर महीने औसतन 61,000 के स्तर को छूना होगा।