राजनीति

हिंडनबर्ग खुलासे पर भाजपा ने दिया बयान, कहा- शेयर बाजार ने टूलकिट गैंग को नकारा

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने कांग्रेस के साथ मिलकर देश को बदनाम किया है और अमेरिका के इस शॉर्ट सेलिंग समूह के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- August 12, 2024 | 11:44 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाया कि वह उस व्यापक षडयंत्र का हिस्सा है जो हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) चेयरपर्सन के विरुद्ध लगाए गए आरोपों का इस्तेमाल करके भारतीय शेयर बाजारों को ध्वस्त करना और छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचाना चाहता है।

नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि शेयर बाजारों ने सोमवार को मजबूती दिखाई और कांग्रेस, हिंडनबर्ग रिसर्च तथा अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस सहित ‘टूलकिट गैंग’ के डिजाइन को हताश कर दिया। प्रसाद ने कहा कि ‘सोरोस हिंडनबर्ग में निवेशक हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के विरुद्ध दुष्प्रचार फैलाने के लिए जाने जाते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और उनके टूलकिट मित्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नफरत करते-करते भारत के खिलाफ घृणा विकसित कर ली है।’ प्रसाद ने कहा कि अदाणी समूह के खिलाफ शेयर बाजार से छेड़छाड़ के हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद सर्वोच्च न्यालालय के निर्देशों पर सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को नोटिस दिया था।

हिंडनबर्ग ने कभी नोटिस का जवाब नहीं दिया बल्कि सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ हमला बोल दिया। प्रसाद ने इन आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति की विपक्ष की मांग को फर्जी करार देते हुए कहा ये आरोप देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने के इरादे से लगाए गए हैं।

कांग्रेस ने सरकार और सेबी चेयरपर्सन पर दबाव बनाए रखा है और उसने संयुक्त संसदीय समिति की जांच और बुच के इस्तीफे की मांग दोहराई है। पार्टी ने इस मसले पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है। कांग्रेस के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय को अपनी जांच सीबीआई या किसी अन्य विशेष जांच दल को स्थानांतरित करनी चाहिए क्योंकि सेबी की मिलीभगत की आशंका है।

रमेश ने कहा कि सेबी ने अपने 11 अगस्त के वक्तव्य में कहा है कि उसने अदाणी समूह के चुनिंदा वित्तीय लेनदेन की जांच के मामले में अब तक 100 समन, 1100 पत्र और ईमेल जारी किए हैं तथा 12,000 पन्नों में फैले 3,000 दस्तावेजों का परीक्षण किया। रमेश ने कहा कि सेबी ने अतिसक्रिय दिखने का प्रयास किया लेकिन वह मूल मुद्दों से ध्यान भटका रही है।

रमेश ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 3 मार्च, 2023 को सेबी को निर्देश दिया था कि वह अदाणी समूह के खिलाफ शेयरों के साथ छेड़छाड़ और अकाउंटिंग धोखाधड़ी की जांच को तेजी से दो माह के समय में पूरा करे।

रमेश ने कहा, ‘अब यानी 18 माह बाद सेबी ने बताया है कि एक अहम जांच जो संभवत: अदाणी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता संबंधी नियम के उल्लंघन से संबंधित थी, वह अभी अधूरी है। सच तो यह है कि सेबी के अपनी 24 जांचों में से दो को बंद करने में असमर्थ रहने के कारण प्रकाशन में एक साल से अधिक देर हुई है।’ उन्होंने कहा कि अदाणी समूह के ‘क्लीन चिट’ के दावों के बीच सेबी ने समूह की कई कंपनियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।

हालिया खुलासों के बारे में रमेश ने कहा कि यह भ्रम टूट गया है कि सेबी चेयरपर्सन और उनके पति ने अपने फाइनैंस को अलग-अलग कर लिया था क्योंकि बुच ने सेबी में पद संभालने के बाद 25 फरवरी 2018 को अपने व्यक्तिगत ईमेल खाते से फंड में लेनदेन किया। उन्होंने सवाल उठाया कि कहीं जांच में यह देरी हितों के टकराव की वजह से तो नहीं हुई।

ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस के चेयरमैन प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि यह प्रकरण इस बात को रेखांकित करता है कि सार्वजनिक रूप से जिम्मेदार पदों पर बैठे टेक्नोक्रेट और लैटरल इंट्री पाने वालों को नैतिक, कानूनी और स्पष्ट रूप से निष्पक्ष होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद जैसे संस्थानों में कई ऐसे सदस्य हैं जो समांतर रूप से वित्तीय बाजारों में निजी पदों पर आसीन हैं। यह बात उन्हें ऐसी सूचनाओं से लाभान्वित होने का अवसर देती है जो अन्यथा अनुपलब्ध है। उन्होंने कहा कि भले ही इनकी ईमानदारी उच्चतम स्तर की हो लेकिन यह उचित नहीं प्रतीत होता।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने कांग्रेस के साथ मिलकर देश को बदनाम किया है और अमेरिका के इस शॉर्ट सेलिंग समूह के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।

First Published : August 12, 2024 | 11:11 PM IST