ट्रांसपोर्टर गिरफ्तार, चक्का जाम वापसी के संकेत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 8:59 PM IST

ट्रांसपोर्टरों के चक्का जाम के खिलाफ सरकार ने भी मोर्चा खोल दिया है। सरकार ने ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली में शुक्रवार को 40 से अधिक ट्रांसपोर्टरों को गिरफ्तार किया गया।


इनमें ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के अध्यक्ष चरन सिंह लोहाड़ा भी शामिल हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने शुक्रवार को यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर चक्का जाम करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि ट्रांसपोर्टरों के नेताओं की तरफ से यह भी संकेत मिले हैं कि उनकी टीम प्रधानमंत्री से बातचीत के लिए तैयार है और वे इस दिशा में प्रयास भी कर रहे हैं।

इस बात की भी संभावना जतायी जा रही है कि प्रधानमंत्री की तरफ से आश्वासन मिलने पर ट्रांसपोर्टर अपनी हड़ताल को वापस ले सकते हैं।

सरकार का रुख हुआ कड़ा

लेकिन सरकार के रुख को देखते हुए अब यह साफ हो गया है कि सरकार ट्रांसपोर्टरों से समझौता करने के पक्ष में नहीं है। सरकार ने यह भी कहा है कि वह आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक दो दिन में खुद 15 से 20 लाख वाहन चलवाने की योजना तैयार कर रही है।

इसमें जब्त किए गए हड़ताली ट्रक भी शामिल होंगे। ट्रांसपोर्टरों ने गत 5 जनवरी से विभिन्न मांगों को लेकर अपना चक्का जाम किया था।

शुक्रवार को भी जाम जारी रहा। शुक्रवार को आसफ अली रोड स्थित ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के दफ्तर से दिल्ली पुलिस ने करीब 35 ट्रांसपोर्टरों को गिरफ्तार किया।

वे उस समय चक्का जाम को लेकर एक बैठक कर रहे थे। संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर व कई अन्य जगह से भी ट्रांसपोर्टरों को गिरफ्तार करने की खबर मिली है।

अदालत में याचिका दायर

दूसरी तरफ हड़ताल को चुनौती देने के लिए उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका दायर की गई जिसमें हड़ताल को गैर कानूनी करार देने की अपील की गई है। इस पर सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तारीख निश्चित की है।

दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब से भी ट्रांसपोर्टरों की गिरफ्तारी की खबर मिल रही है। कमला मार्केट थाने से ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ओपी अग्रवाल ने बताया कि वे अपनी मांगों पर कायम है।

बंगाल में कोटा लागू

पश्चिम बंगाल में ज्यादातर पेट्रोल पंपों के स्टॉक खत्म होते देख राज्य सरकार ने निकट भविष्य में किसी संकट से सामना करने के बचने के लिए पेट्रोल और डीजल के  लिए कोटा प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया है।

राज्य सरकार के मुख्य सचिव अशोक मोहन चक्रवर्ती ने बताया कि पेट्रोल पंपों से अब निजी कारों को अधिकतम 10 लीटर  पेट्रोल और डीजल डीजल गाड़ियों के लिए अधिकतम 20 लीटर ईंधन बेचना तय किया गया है।

First Published : January 9, 2009 | 8:42 PM IST