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डीडीए ड्रा के बाद निजी डेवलपरों की खिलीं बांछें

Last Updated- December 08, 2022 | 9:45 AM IST

डीडीए हाउसिंग स्कीम-2008  में जिन भाग्यशाली लोगों का ड्रॉ निकला, उनकी तो बल्ले-बल्ले है, लेकिन जो किस्मत के इस खेल में पीछे रह गए, अब उनके सहारे निजी रियल एस्टेट कंपनियां अपनी किस्मत का ताना-बाना बुनने की जुगत में लगी हुई है।


मंगलवार को निकाले गए इस ड्रॉ में 5,66,906 आवेदकों में से 5238 लोगों को विजेता घोषित किया गया। नोएडा स्थित इन्वेस्टर्स क्लीनिक के बिक्री प्रबंधक सुधीर तिवारी ने बताया कि जिन लोगों ने डीडीए फ्लैट के लिए आवेदन किया था, उनके लिए दिल्ली में अपने मकान की दरकार बहुत अधिक है।

अब 5.5 लाख से अधिक लोगों के हिस्से में डीडीए के फ्लैट तो नहीं हैं, लेकिन अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए वे निजी डेवलपरों की ओर रुख कर सकते हैं। लोगों का मानना है कि अगर निजी डेवलपर सस्ते मकान के ऑफर दें, तो रियल एस्टेट में मांग में हुई कमी को पाटा जा सकता है।

एक निजी रियल एस्टेट के प्रबंध निदेशक ने बताया कि जो मकान बनाए जा चुके हैं, उन पर किसी प्रकार की राहत तो नहीं दी जा सकती है। लेकिनर् नई परियोजनाओं में 10 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है।

उन्होंने यह विश्वास जताया कि जिन लोगों का लकी ड्रॉ नहीं आ पाया, उनमें से कम से कम एक लाख लोग ऐसे हैं, जिनके लिए मकान की शीघ्र आवश्यकता है। कीमत सस्ता होने की वजह से लोग पहले डीडीए फ्लैट के लिए कोशिश करते हैं।

अगर वहां बात नहीं बनती है, तो फिर वे निजी तौर पर विकसित फ्लैटों की ओर रुख करते हैं। कारोबारियों को जनवरी माह के दौरान तेजी की उम्मीद है।

First Published - December 17, 2008 | 9:01 PM IST

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