महाराष्ट्र सरकार के 25 साल पुरानी टैक्सियों को सड़क से हटाए जाने के फैसले के विरोध में गुरुवार को महानगर की सड़कों से लगभग सभी टैक्सी और ऑटोरिक्शा नदारद रहे।
इससे दफ्तर आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुंबई ऑटोरिक्शा यूनियन नेता शरद राव ने कहा कि हड़ताल पूरी तरह सफल रही। हडताल में सभी टैक्सी और ऑटोरिक्शा चालकों ने भाग लिया। मुंबई की सड़कों पर रोजाना चलने वाली लगभग 55,000 टैक्सियों और 1.5 लाख ऑटोरिक्शा के चालकों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया।
राव ने कहा कि मौजूदा टैक्सियों को सड़क पर न चलने देने की सरकार की घोषणा सरासर गलत है, क्योंकि ये टैक्सियां परिवहन विभाग द्वारा सुझाए गए पर्यावरण सुरक्षा नियमों का पूरी तरह से पालन करती हैं। गौरतलब है कि मुंबई में चलने वाली अधिकांश टैक्सियां प्रीमियर पद्मिनी हैं। ऑटो टैक्सी यूनियन का आरोप है कि इस योजना केबहाने कुछ लोग टैक्सी चालकों से पैसा ऐंठना चाहते है।
वहीं कुछ नेता कार कंपनियों और ट्रेवल एजेंसियों के साथ मिलकर मुंबई की पहचान बन चुकी इन टैक्सियों को हटाने पर उतारू हैं, क्योंकि इन टैक्सियों के रहते उनका धंधा नहीं हो पाता है। इन टैक्सियों को मुंबई की सड़कों से हटाने के पीछे पर्यावरण तो एक बहाना है असली बात तो यह है कि इन टैक्सियों को हटा करके सरकार नई कार कंपनियों के लिए एक बाजार उपलब्ध कराने की एक साजिश रच रही है।
राव ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा ऑटोरिक्शा में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाए जाने संबंधित मामले में गठित समिति ने अभी तक कारगर कदम नहीं उठाया है। राव के अनुसार 25 साल पुरानी टैक्सियों का परमिट रद्द करने का विरोध करने के अलावा यूनियन की दूसरी भी मांगे हैं। इनमें किराए में वृद्धि करना, टोल और प्रोफेशनल टैक्स में टैक्सी चालको को छूट, इलेक्ट्रॉनिक मीटर की वैकल्पिक व्यवस्था और हवाई अड्डे पर टैक्सी चालकों को अच्छी व्यवस्था मुहैया कराना शामिल है।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को टैक्सी चालक हल करना चाहते हैं, क्योंकि एक दिन टैक्सी नहीं चलाने से एक गाड़ी पर लगभग 500 रुपये का नुकसान होता है। इस मुद्दे को सही तरह से हल करने के लिए सरकार और यूनियन के नेताओं के बीच बैठक भी होने वाली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इसमें गृह मंत्री आर.आर. पाटिल, परिवहन विभाग के सचिव रामनाथ झा और दूसरे नेता भी शामिल होने वाले हैं। इस बैठक में जाने से पहले राव ने सार्थक हल निकलने का भरोसा जताया।