गैर सूचीबद्ध से पीछे सूचीबद्ध फर्में

बीते वित्त वर्ष में दमदार प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में विनिर्माण कंपनियां प्रमुख

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सचिन मामपट्टा   
Last Updated- January 08, 2025 | 11:36 PM IST

सूचीबद्ध कंपनियों के मुकाबले गैर सूचीबद्ध कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही है। जिन कंपनियों के वित्तीय आंकड़े उपलब्ध हैं, इनके आधार पर सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने विश्लेषण किया है। इसके अनुसार वित्त वर्ष 2024 में गैर सूचीबद्ध कंपनियों की बिक्री 8.34 फीसदी बढ़ी थी। सूचीबद्ध कंपनियों की बिक्री 1.69 फीसदी बढ़ी।

ये आंकड़े 4,231 गैर सूचीबद्ध कंपनियों पर आधारित हैं, जिनें वित्तीय कंपनियां नहीं हैं। इनकी तुलना 3,575 गैर वित्तीय सूचीबद्ध कंपनियों से की गई है। गैर सूचीबद्ध कंपनियों के नतीजे कई बार देर से आते हैं। दिसंबर के अंत में लिए गए ये नमूने दर्शाते हैं कि सीएमआईई डेटाबेस में दर्ज गैर सूचीबद्ध कंपनियों का करीब एक चौथाई हिस्सा है। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि ये बेहतरीन तौर-तरीकों वाली बड़ी कंपनियों के रुझान दिखाता है।

अन्य कंपनियों के आंकड़े आने में अधिक समय लग सकता है। मगर मोटे आंकड़ों से पता चलता है कि नमूने के आधार पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों के मुकाबले गैर सूचीबद्ध कंपनियां दमदार प्रदर्शन कर रही हैं। इसका कारण विनिर्माण जैसे अहम क्षेत्रों का प्रमुख प्रदर्शन रहा है। सूचीबद्ध कंपनियों के 0.65 फीसदी के मुकाबले गैर सूचीबद्ध कंपनियों ने 7.62 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। उपभोक्ता वस्तु, धातु एवं धातु उत्पाद के साथ-साथ वाहन क्षेत्र की कंपनियों ने भी दमदार प्रदर्शन किया है।

कई सूचीबद्ध कंपनियों में लंबे समय तक कार्यरत रहे धीरज सचदेव के मुताबिक गैर सूचीबद्ध कंपनियां अक्सर अधिक दक्ष होती हैं और उन पर अनुपालन एवं नियामकीय बोझ कम होता है, जिससे उन्हें तेजी से बदलते परिवेश में अपनी रणनीतियां भी तुरंत बदलने में मदद मिलती है। सचदेव फिलहाल रोहा वेंचर में मुख्य निवेश अधिकारी हैं जो असूचीबद्ध कंपनियों में निवेश करता है।

उन्होंने कहा, ‘एक गैर सूचीबद्ध कंपनी के तौर पर आपको फैसले लेने में काफी आजादी मिलती है। आपके पास बाजार की चुनौतियों के हिसाब से ढलने की भी क्षमता होती है।’ गैर सूचीबद्ध स्टार्टअप कंपनियां नई प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करती है और अक्सर पारंपरिक कारोबारों के मुकाबले तेजी से बाजार हिस्सेदारी हासिल कर वृद्धि हासिल करती हैं।

सचदेव ने कहा कि निजी इक्विटी फंडिंग काफी आम हो गई है और ये परिसंपत्ति प्रबंधक अक्सर आक्रामक बढ़ोतरी पर जोर देते हैं। मल्टीफैमिली ऑफिस ब्लूओशन कैपिटल एडवाइजर्स के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी निपुण मेहता ने कहा, ‘इन गैर सूचीबद्ध कंपनियों के लिए शायद रकम जुटाना काफी आसान हो गया है। शेयर बाजार में तेजी आमतौर पर उनके विश्वास को बढ़ाती है और गैर सूचीबद्ध कंपनियों के प्रति धारणा बढ़ाने में मदद करती है। यह उस स्थिति के विपरीत होता है जब शेयर बाजार खराब प्रदर्शन करता है।’

First Published : January 8, 2025 | 11:34 PM IST