मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बुधवार को मांग की कि पेगासस मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से कराई जाए और जांचकर्ता का चयन विपक्ष को भरोसे में लेकर किया जाए। कमल नाथ ने एक इजरायली कंपनी द्वारा बनाए गए सॉफ्टवेयर की मदद से की गई कथित जासूसी को लोकतंत्र, संविधान और नागरिकों की निजता पर हमले की असाधारण घटना बताते हुए सवाल किया कि स्पाईवेयर का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए होना था या प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा के लिए?
बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए नाथ ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि 2019 में कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार को गिराने के लिए गैरकानूनी ढंग से जासूसी कराई गई थी। ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि गत वर्ष मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया गया हो। नाथ ने कहा कि केंद्र सरकार के पास यदि इस मसले पर छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो उसे सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा देकर कहना चाहिए कि उसने पेगासस या ऐसा कोई भी स्पाईवेयर नहीं खरीदा है और न ही उसका लाइसेंस लिया है।
नाथ ने कहा कि अगर सरकार कहती है कि उसने इसका इस्तेमाल नहीं किया है तो शायद किसी अन्य देश ने यह जासूसी की है जो और भी खतरनाक बात है। उन्होंने पूरे प्रकरण की गहराई से जांच किए जाने की मांग की।
कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें चाहे कोई भी दायित्व सौंप दे लेकिन वह मध्य प्रदेश छोड़कर नहीं जाएंगे।