चंडीगढ़ में उद्योगों ने प्रशासन पर लगाया सौतेले बर्ताव का आरोप

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 3:40 AM IST

केंद्र शासित राज्य चंडीगढ़ पिछले कुछ वर्षों के दौरान कार्पोरेट क्षेत्र और रियल एस्टेट क्षेत्र को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब जरूर रहा है लेकिन इस दौरान औद्योगिक इकाइयों के विकास में पूरी तरह से नाकामयाबी हाथ लगी है।


चंडीगढ़ उद्योग विभाग के आंकड़ों के मुताबिक चंडीगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र करीब 1,450 एकड़ जमीन पर फैला है। यहां करीब 2100 इकाइयां हैं जिनमें से ज्यादातर छोटे उद्योग हैं और मझोली तथा बड़ी इकाइयों की संख्या महज 7 है।

चंडीगढ़ के उद्यमियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘प्रशासन का व्यवहार सौतेली मां जैसा है। इस कारण यहां के उद्योग-धंधे बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। उद्यमियों ने माना कि प्रशासन द्वारा सितंबर 2005 से अक्टूबर 2008 के बीच अपनाई गई कन्वर्जन नीति के कारण भी उद्योगों के विकास में बाधा पहुंची है।

औद्योगिक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुछ वर्षों पहले यहां करीब 2,950 औद्योगिक इकाइयां थीं जिनमें से करीब 15 इकाइयां मझोले और बड़े आकार की थीं। हालांकि अब औद्योगिक इकाइयों की संख्या घटकर 2100 रह गई है।

चंडीगढ़ में जगह की कमी को उद्योगों के बेरुखी की एक बड़ी वजह माना जा रहा है हालांकि उद्योगों के पलायन की एक बड़ी वजह चंडीगढ़ प्रशासन का लापरवाही भरा रवैया भी माना जा रहा है। चंडीगढ़ प्रशासन ने इससे पहले औद्योगिक प्लॉट को वाणिज्यिक क्षेत्र में बदलने की अनुमति दी थी। इसके तहत सरकार को करीब 150 प्रस्ताव मिले और इससे संकेत मिलता है कि कैसे उद्योगों में गिरावट आ रही है।

विस्तार की संभावनाओं में कमी के साथ ही चंडीगढ़ में उद्योगों को छूट नहीं मिलने के कारण औद्योगिक प्लॉटों के लैंड यूज को बदला जा रहा है। शहर की योजना तैयार करते समय औद्योगिक विकास के लिए काफी कम जमीन आरक्षित की गई थी। इस कारण भी शहर में उद्योगों का विकास थम सा गया है।

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में उद्योगों को कई तरह के कर छूट की पेशकश की जा रही है। इस कारण उद्योग तेजी से हिमाचल की ओर पलायन कर रहे हैं। चंडीगढ़ की कुल 2100 इकाइयों में से 40 प्रतिशत इकाइयां टै्रक्टर उद्योगों के लिए कल-पुर्जे बनातीं हैं। इसके अलावा यहां फास्टनर्स, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक वस्तुएं, मशीन टूल्स, दवा, प्लास्टिक सामान, सेनेटरी उद्योग, इस्पात, लकड़ी के फर्नीचर और खाद्य उत्पादों से जुड़ी इकाइयां हैं।

First Published : November 17, 2008 | 12:53 AM IST