शिक्षा की सुनहरी कवायद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 12:02 AM IST

बिहार में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा अब राष्ट्रीय मानकों के करीब पहुंच रही हैं।
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2008 के अंत तक 833 नए विद्यालय भवनों का निर्माण कराया गया, पुराने विद्यालयों में 27094 अतिरिक्त कमरों का निर्माण किया गया।
साथ ही प्राथमिक स्तर पर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 2008-09 की पहली छमाही तक 586 विद्यालय उन गांवों और टोलों में बनाए गए हैं, जिनकी आबादी 300 से ज्यादा है और उनके 1 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय नहीं है।
राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री हरि नारायण सिंह शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति को लेकर खासे उत्साहित हैं। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत के दौरान कहा, ‘राज्य में 3 साल पहले 40 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा से पूरी तरह वंचित थे, जो संख्या घटकर अब 10 लाख रह गई है।
बिहार के लोगों में सरकार के कार्यों को लेकर उत्साह का माहौल है। प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक की शिक्षा में बड़े पैमाने पर न केवल योजनाएं बन रही हैं, बल्कि उन्हें अमल में भी लाया जा रहा है।’ स्कूलों में छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले तीन साल में 2931 हाई स्कूलों को 12 वीं तक की मान्यता दे दी है।
साथ ही 2 लाख 12 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और 93 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। सरकार ने 9 वीं कक्षा में पढ़ने वाली हर छात्रा को साइकिल उपलब्ध कराई है, जिससे उन्हें स्कूल पहुंचने में सहूलियत हो। साथ ही छठी, सातवीं और आठवीं कक्षा की छात्राओं को पोषाहार के लिए 700 रुपये सालाना दिया जा रहा है।
पहली से आठवीं तक के  सभी विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें मुहैया कराई जा रही हैं।  छात्र-छात्राओं के  समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए पहली कक्षा से लेकर हाई स्कूल तक के विद्यार्थियों को साल में एक बार राज्य का भ्रमण कराया जाता है, जिससे वे अपने इतिहास और संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।
हरि नारायण सिंह का कहना है कि राज्य सरकार ने योजना तैयार की है, जिसके माध्यम से 2012 तक शिक्षा के मानकों को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री समग्र योजना के लक्ष्यों के मुताबिक 2012 तक सभी प्राथमिक विद्यालयों में 6 कमरे, माध्यमिक विद्यालयों में 10 कमरे होंगे। इसके साथ ही पहली से आठवीं कक्षा तक 40 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक और 9वीं से लेकर 12वीं तक की शिक्षा में 60 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक का मानक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।’
बिहार में स्कूलों में आधारभूत संरचनाओं में प्रगति का ही परिणाम है कि 3 साल पहले छात्र-वर्ग कक्ष अनुपात 91:1 से घटकर 70:1 हो गया है। रोजगार के क्षेत्र में अंग्रेजी के महत्व को देखते हुए कक्षा 1 व 2 के विद्यार्थियों के लिए रेडियो संवाद कार्यक्रम इंगलिश इन फन की शुरुआत की गई  78,82,002 बच्चे लाभान्वित हुए हैं।
सरकार ने कोसी नदी की बाढ़ से पीड़ित छात्रों की पढ़ाई के लिए खास इंतजाम किया और 231 वैकल्पिक शिक्षा केंद्र खोले गए। राज्य सरकार ने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिता परीक्षाओं में उच्च स्थान प्राप्त करने वालों को बिहार गौरव सम्मान से सम्मानित करने का फैसला किया, जिसके तहत उन्हें 30 हजार से 1 लाख रुपये तक का पुरस्कार दिया जाता है।

First Published : April 11, 2009 | 5:31 PM IST