सब ठीक-ठाक रहा तो मुंबई वालों को उनके आपसी सहयोग से बनाया गया अत्याधुनिक सहकारी अस्पताल का दीदार जल्द ही हो सकेगा।
मुंबई में विक्रोली के कन्नमवार नगर में शुश्रुषा अस्पताल के सहयोग से सहकारी अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। इस अस्पताल के निर्माण में आम लोग भी सहयोग करेंगे। दादर स्थित शिवाजी पार्क में शुश्रुषा सिटीजन को-ऑपरेटिव अस्पताल को मिली कामयाबी के बाद अस्पताल प्रशासन अस्पतालों के सहकारीकरण की पहल को आम नागरिकों के सहयोग से पूरे महाराष्ट्र में फैलाना चाहती है।
सहकारीकरण की इस योजना के तहत 1000 रुपये की रकम अदा करने के बाद आम नागरिक को इस सहकारी अस्पताल की आजीवन सदस्यता मिल सकेगी। इसके तहत पंजीकृत सदस्य के अलावा उस पर आश्रित लोगों को भी अस्पताल के उपचार में रियायतों का प्रावधान बनाया गया है। सदस्यता हासिल करने वाले व्यक्ति को शल्य चिकित्सा में 30 फीसदी और नैदानिक चिकित्सा में 20 फीसदी की छूट दी जाएगी। इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारी मात्रा में रियायतों की सुविधाओं का प्रावधान बनाया गया है।
सभी वरिष्ठ नागरिकों को 50 फीसदी छूट का प्रावधान रखा गया है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में सहकारी संस्थाएं अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक मजबूत हैं। ऐसे में शक्कर, बैंकों और दूध उद्योगों को सहकारीकरण के तहत बुलंदियों पर पहुंचाया गया है। दादर स्थित शुश्रुषा अस्पताल के पिछले वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 11500 सदस्यों ने 50 लाख रुपयों की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया था।
शुश्रुषा अस्पताल, दादर के चेयरमैन और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ एन एस लाड ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि विक्रोली स्थित 12 बिस्तरों वाले क्लीनिक को आम लोगों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कराकर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। कई वर्षों से आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का बीड़ा उठाने वाले डॉ लाड ने लोगों से अपील की है कि सहकारी अस्पताल का हिस्सा बनकर अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं ताकि अस्पतालों के सहकारीकरण को अन्य सहकारी उद्योगों की भांति बल मिल सके। 1000 रुपयों का आजीवन सदस्य शुल्क देकर अब तक 12,500 लोग इस अनोखी मुहिम का हिस्सा बन गए हैं।
विक्रोली में निर्माण होने वाले नए सहकारी अस्पताल के प्रमुख दिनेश अफझुलपूरकर ने बताया कि अस्पताल के सहकारीकरण के शुरुआती दौर में 1200 लोग शामिल थे और अब सदस्यों की संख्या 12,500 के आंकड़े को छू रही है। नए अस्पताल के लिए म्हाडा द्वारा 2100 वर्ग मीटर की जगह आवंटित की गई है और इस जगह पर 10 मंजिला नए सहकारी अस्पताल का निर्माण किया जाएगा।