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केंद्र ने छत्तीसगढ़ बिजली बोर्ड को ‘गैरकानूनी’ करार दिया

Last Updated- December 08, 2022 | 9:01 AM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दूसरी पारी की शुरूआत में ही रमन सिंह को केन्द्रीय बिजली मंत्रालय से झटका मिला है।


बिजली मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ राज्य बिजली बोर्ड (सीएसईबी) को गैरकानूनी करार दिया है। सीएसईबी द्वारा तीन हिस्सों में विभाजन संबंधी समयसीमा को पूरा नहीं कर पाने के कारण यह फैसला किया गया है।

बिजली कानून, 2003 के तहत राज्य बिजली बोर्ड को अपना विभाजन तीन अलग-अलग कंपपिनों में करना होगा।

ये कंपनियां उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित होंगी। सीएसईबी का विभाजन 2003 से ही लंबित पड़ा है हालांकि बिजली बोर्ड बार बार विभाजन को टालता रहा है। ताजा मामले में केन्द्र सरकार ने 9 दिसंबर की समयसीमा तय की थी।

सूत्रों ने बताया कि राज्य के बिजली विभाग ने इससे पहले नवंबर में मंत्रालय को पत्र लिख कर चुनावों का हवाला देते हुए समयसीमा को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था।

राज्य के मुख्य सचिव पी जॉय ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘और समय देने के बजाए मंत्रालय ने पत्र भेज कर सीएसईबी को गैर कानूनी करार दे दिया।’


उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के पास अब सीएसईबी को तीन हिस्सों में बांटने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।

पत्र में ‘गैरकानूनी’ शब्द के इस्तेमाल से पूरा राज्य प्रशासन सकते में आ गया है और मुख्यमंत्री ने तुरंत राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (बिजली) विवेक धांड और सीएसईबी के अध्यक्ष राजीव रंजन के साथ बैठक कर इस मसले पर चर्चा की है।

क्या होगा केंद्र के फैसले का असर

सीएसईबी का कानूनी तौर पर अस्तित्व खत्म
फैसला करने का अधिकार छिना, सभी पद निलंबित
बोर्ड न तो बिल जमा करेगा, न ही नए कनेक्शन देगा
बिजली चोरों के खिलाफा कार्रवाई का अधिकार खत्म

First Published - December 14, 2008 | 8:59 PM IST

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