Categories: लेख

‘भारत में हम देंगे 4000 फेलोशिप’

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:42 PM IST


इस प्रोग्राम के तहत अगले

10 साल में भारतीयों को कितने फेलोशिप मिलेंगे?


इसमें भारतीयों के लिए

4000 फेलोशिप हैं। यानी हर साल चार सौ फेलोशिप दी जाएंगी। हमारा कार्यक्रम इस वक्त 22 देशों में चल रहा है। इसलिए इनकी तादाद काफी कम है। वैसे, ज्यादा या कम फेलोशिप के लिए एक अरब या 20 लाख की आबादी ही काफी नहीं है। हमने इस प्रोग्राम की शुरुआत 2001 से की थी। तब से अब इसके लिए एक लाख इंट्रीज आ चुकी हैं। हिंदुस्तान में अब तक करीब 1500 स्टूडेंट इस वजीफे का फायदा उठा चुके हैं। हमारा लक्ष्य इस बात को सामने लाना है कि यहां काफी जरूरत है। साथ ही, यहां दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और विकलांगों के लिए काफी मौके मौजूद हैं। अगर आप महिला हैं, तो इन मौकों की तादाद और भी कम हो जाती है।

आप उन लोगों की पहचान कैसे करती हैं

, जो ऊंची शिक्षा के लिए सारी प्रवेश परीक्षाओं से पार पा जाते हैं?

हमने

20 गैर सरकारी संस्थाओं के साथ साझीदारी कर रखी है। जिन 10 राज्यों पर हम खास तौर पर फोकस कर रहे हैं, उनके लिए चार एनजीओ की टीम बना रखी है। इसके अलावा, दिल्ली में तो हमारी पूरी टीम ही मौजूद है, जो चयनित लोगों को ट्रेन करती है। यह टीम इन लोगों को प्रवेश परीक्षा से पार पाने के लिए पूरी तरह से तैयार करती है। यह अपने–आप में छोटी–मोटी यूनिवर्सिटी है। हम सबसे अच्छे लोगों को ऑक्सफोर्ड नहीं ले जा रहे। हमारा ध्यान तो उनकी तरफ है, जिनका भविष्य अनिश्चित है। हम खुद चलकर लोगों को चलाना सीखा रहे हैं। इसके लिए आज तक दुनिया में कोई किताब नहीं लिखी गई।

आप जिस वर्ग से लोगों को चुन रही हैं

, उनमें से ज्यादातर प्राइमरी से आगे की पढ़ाई करते ही नहीं। इसके अलावा, जो इस फेलोशिप के वास्ते अर्जी देता चाहते हैं, उनमें से अधिकतर तो 30 साल की सीमा पार कर जाते हैं।

इस बारे में हमने शुरू में ही सोचा था

, इसलिए उम्र की सीमा हटा दी।

अभी तक आपका सबसे वृध्द फेलो कौन रहा है

?

हमारा सबसे उम्रदराज फेलो

71 साल का एक रूसी है। भारत में सबसे उम्रदराज फेलो 45 साल का एक शख्स है। कॉमनवेल्थ ने हमारी देखा–देखी अपनी फेलोशिप के लिए भी उम्र की सीमा हटा दी। हमारा मानना है कि पढ़ाई तो जीवन के अंत तक चलने वाली एक प्रक्रिया है।

आपके फेलोशिप के लिए कौन

–कौन क्वालीफाई करते हैं?

जी नहीं

, हमारी फेलोशिप के लिए पढ़ाई ही जरिया है। लेकिन हम उन लोगों की भी पहचान करते हैं, जो सामाजिक नेता हों।
First Published : March 18, 2008 | 11:52 PM IST