facebookmetapixel
बांग्लादेश की पूर्व पीएम Sheikh Hasina को मौत की सजा, कोर्ट ने तख्तापलट के दौरान लोगों की हत्या का दोषी मानाLIC की इस योजना के जरिए महिलाएं घर बैठे कर सकती हैं कमाई, हर महीने मिलेंगे ₹7000Tata Stock में बड़ी गिरावट का अलर्ट! Q2 नतीजों के बाद ब्रोकरेज ने दी SELL की सलाह, जानें वजहSBI ने बनाया इतिहास! ₹9 ट्रिलियन क्लब में एंट्री; ब्रोकरेज बोले- ₹1120 तक जाएगा भाव!रूस के ट्रेड पार्टनर्स पर US लगा सकता है 500% टैरिफ, नए बिल को ट्रंप का समर्थन; भारत पर क्या होगा असर?23% गिर सकता है टायर कंपनी का शेयर, Q2 नतीजों के बाद मोतीलाल ओसवाल की बेचने की सलाहआपका Aadhaar Card कब और कहां हुआ इस्तेमाल? UIDAI की इस ट्रिक से मिनटों में चेक करें पूरी हिस्ट्रीबाजार खुलते ही 10% चढ़ गया ड्रोन कंपनी का शेयर, ₹107 करोड़ के आर्डर से निवेशकों में खरीदने की होड़Saudi Arabia bus accident: मदीना में दर्दनाक बस हादसा! कई भारतीयों के मारे जाने की आशंका; विदेश मंत्री ने जारी किया बयानभारत करेगा पहली बार US से LPG आयात! 2026 की 10% जरूरत एक ही डील में पूरी

अब बनारसी साड़ी से बढ़ेगी ताज की शान

Last Updated- December 05, 2022 | 10:01 PM IST

बनारसी साड़ी का पुराना जादू फिर से नए रूप में उसी नजाकत के साथ नजर आएगा। लेकिन इस बार उसकी एक नई मंजिल है ताज।


ताज होटल्स रिसोर्ट ऐंड पैलेसेज ने बनारसी साड़ी की राजसी छवि क ो अपने ब्रांड की पहचान के लिए सही माना है। इसी वजह से ताज ने होटल में आने वाले लोगों की स्वागत में जुटे कर्मचारियों को बनारसी के 6 गज के खूबसूरत रंगों और डिजाइनों वाले परिधान में पेश करने का फैसला लिया है।


इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के अभिजीत मुखर्जी का कहना है- ‘बनारसी साड़ी विलासिता और शानों शौकत का प्रतीक है और ताज का यह कदम बनारसी साड़ी को बनाने वाले कारीगर उस्तादों के लिए एक सम्मान देने जैसा है।’


रविवार को मुंबई की ताज प्रॉपर्टी में बनारसी की नई साड़ियों की नुमाईश की गई । अब देशभर में इस ग्रुप के 10 लक्जरी होटलों के डयूटी मैनेजरों और स्वागत करने वाले स्टाफ के लिए भी ऐसे परिधान बनाए जाएंगे। ताज ने इसके लिए बनारस के तीन गांवों को गोद लिया था और 25 कारीगरों को इस काम की जिम्मेदारी सौंप दी।


कारीगरों को काम करने का बेहतर माहौल भी मिला। डिजाइन को समझने और नमूने के साथ अपना तालमेल बैठाने के बाद बनारसी अंदाज को ताज के साथ जोड़ने की योजना को 14 महीने में पूरा किया गया।


मुखर्जी का कहना है -‘काम शुरू करने से पहले यह जरूरी था माहौल थोड़ा बेहतर बनाया जाए। इसके लिए हमने उन कारीगरों को पानी का पंप और सोलर लाईट मुहैया कराई। हमारा मकसद उनका आत्मविश्वास बढ़ाना, रोजगार देना और उनके सम्मान को को फिर से वापस दिलाना भी था, ताकि वे अपने पेशे पर गर्व कर सकें।’ 


ताज के लिए बनी साड़ी के लिए कारीगरों को बिना किसी बिचौलिए के 1800 रुपये दिया जाता है। हालांकि आमतौर पर इन कारीगरों को एक साड़ी के लिए 700 से 800 रुपये दिए जाते थे वह भी छोटे-छोटे किश्तों में। बकौल मुखर्जी इस योजना का विचार इस वजह से आया कि लोगों ने हैंडलूम उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर दिया है और मशीन से बुने कपड़े और डिजाइन ने उसकी जगह ले ली है। इसी वजह से बुनकरों कारीगरों के लिए खाने के लाले पड़ गए।


अब ताज ने उन कारीगरों की हुनर का सम्मान करते हुए उन्हें फिर से उनके पेशे के  काम को करने का मौका दिया है। ताज की डिजाइनर जे रामरखियानी का कहना है-‘पहली बार मुझे भारतीय डिजाइन बनाने का मौका मिला। हमने इसके रंगों को भी शाही अंदाज दिया है और इसकी नफासत को बरकरार रखते हुए हमने इसकी डिजाइन गोल्ड में की है और इसमें बेहद बारीक धारीदार पैटर्न का इस्तेमाल किया गया है।

First Published - April 18, 2008 | 12:37 AM IST

संबंधित पोस्ट