Illustration: Ajay Mohanty
International Women’s Day 2025: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं की वित्तीय सशक्तीकरण (financial empowerment) और जागरूकता की एक नई तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। अब महिलाएं सिर्फ बचत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बीमा और निवेश में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। टर्म लाइफ इंश्योरेंस, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIPs) और हेल्थ इंश्योरेंस जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को अपनाने में उनकी भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। पॉलिसी बाजार के बुकिंग डेटा के मुताबिक, टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदने में सैलरीड महिलाएं सबसे आगे है। वहीं, मेट्रो शहरों की महिलाएं ULIPs में ज्यादा निवेश कर रही है। छोटे शहरों में महिलाएं तेजी से हेल्थ इंश्योरेंस ले रही हैं। आमतौर पर महिलाएं अपने बच्चों और परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टर्म प्लान खरीद रही हैं।
महिलाओं के बीच टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance) के प्रति रुझान बढ़ रहा है। इस वित्तीय वर्ष में टर्म इंश्योरेंस खरीदने वाली महिलाओं की संख्या 18% तक पहुंच गई है। टर्म इंश्योरेंस खरीदने वालों में सबसे अधिक भागीदारी सैलरीड महिलाओं (Salaried women) की है। पॉलिसी बाजार के बुकिंग डेटा के मुताबिक, 49% सैलरीड महिलाओं ने इस वित्त वर्ष में टर्म लाइफ इंश्योरेंस लिया है। यह दर्शाता है कि कॉर्पोरेट बैक्ड इंश्योरेंस के बावजूद वे स्वतंत्र वित्तीय योजना को प्राथमिकता दे रही हैं।
टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के मामले में गृहिणियां (Homemakers) भी ज्यादा पीछे नहीं है। इस वित्त वर्ष में 39% गृहिणियों ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस खरीदा है और उनकी भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है। वे आमतौर पर अपने बच्चों और परिवार की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टर्म प्लान खरीद रही हैं। इसके अलावा, स्वरोजगार (self-employed) करने वाली 12% महिलाओं के पास भी टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान है।
महिलाओं की यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIPs) में भागीदारी बढ़ रही है, जो अब कुल ULIP निवेश का 18% है। यह उनके लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन और मार्केट-लिंक्ड निवेश की ओर झुकाव को दर्शाता है। लगभग एक-तिहाई महिलाओं के निवेश का लक्ष्य रिटायरमेंट प्लानिंग और बच्चों के भविष्य की सुरक्षा है।
महिलाएं छोटे भुगतान अवधि (5-पे टर्म) और लंबी पॉलिसी अवधि (20 साल) को प्राथमिकता देती हैं, जिससे वे सस्ती प्रीमियम के साथ लंबी अवधि में फाइनेंशियल ग्रोथ हासिल कर सकें। 31-45 वर्ष की महिलाएं ULIPs में सबसे ज्यादा निवेश कर रही हैं, जबकि 30 साल या उससे कम उम्र की महिलाएं भी तेजी से निवेश को अपनाने लगी हैं।
महिला निवेशकों की भागीदारी टियर-1 शहरों में सबसे अधिक (40% से ज्यादा) है, जबकि टियर-2 और टियर-3 शहरों में निवेश कम बना हुआ है, जिससे वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने की आवश्यकता स्पष्ट होती है।
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महिलाओं की हेल्थ इंश्योरेंस में भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। FY23 में 15% महिलाओं के पास हेल्थ इंश्योरेंस था। FY25 में यह आकंड़ा बढ़कर 22% तक पहुंच गया है। अब 70-75% महिलाएं ₹10 लाख से अधिक का बीमा कवरेज चुन रही हैं, जिससे मेडिकल इंफ्लेशन से सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है।
40 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाएं ₹1 करोड़ तक का हेल्थ इंश्योरेंस सुपर टॉप-अप प्लान्स के साथ ले रही हैं, ताकि गंभीर बीमारियों और हॉस्पिटल खर्चों से सुरक्षा मिले। हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच मेट्रो शहरों से आगे बढ़ रही है, जहां 46% खरीदार टियर-1, 34% टियर-2 और 20% टियर-3 शहरों से आ रहे हैं।
पॉलिसी बाजार का बुकिंग डेटा यह दर्शाता है कि महिलाएं अब अपनी वित्तीय जिम्मेदारी को पहले से अधिक गंभीरता से ले रही हैं। इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण कामकाजी महिलाओं की संख्या में वृद्धि, वित्तीय निर्णयों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, और डिजिटल फाइनेंशियल टूल्स की आसान उपलब्धता है। जिससे निवेश और बीमा खरीदना पहले से ज्यादा सुविधाजनक हो गया है।