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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पेंशन निकासी से जुड़ी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई नए बदलावों की घोषणा की। इन बदलावों का उद्देश्य क्लेम की प्रक्रिया को तेज करना और कागज़ी काम को कम करना है।
जानिए क्या-क्या बदला गया है:
EPFO का कहना है कि इन डिजिटल और पेपरलेस उपायों से न केवल समय बचेगा, बल्कि क्लेम रिजेक्शन की संभावना भी कम होगी।
सेल्फ डिक्लरेशन से घर सुधार के लिए PF निकालना हुआ आसान
EPFO ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसके तहत अब कर्मचारी अपने घर में सुधार या बदलाव के लिए पीएफ से पैसे निकाल सकते हैं। इसके लिए उन्हें सिर्फ यह सेल्फ डिक्लरेशन देना होगा कि घर बने हुए 5 साल पूरे हो चुके हैं।
खास बात यह है कि अब यह साबित करने की जरूरत नहीं है कि पहले पीएफ से कोई एडवांस लिया गया था या नहीं।
डेलॉइट इंडिया की पार्टनर पूर्वा प्रकाश ने कहा कि इस कदम से कई तरह के दस्तावेजों की जरूरत खत्म हो जाएगी, कागजी कामकाज कम होगा और प्रोसेस भी तेज होगी, क्योंकि फील्ड ऑफिस को अब दस्तावेजों की जांच नहीं करनी पड़ेगी।
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अब चेक या पासबुक की कॉपी अपलोड करने की जरूरत नहीं
EPFO के नए सर्कुलर से पीएफ क्लेम की प्रक्रिया और भी आसान हो गई है। अब खाते से जुड़ी जानकारी के लिए चेक लीफ या पासबुक की फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, बैंक अकाउंट लिंक कराने के लिए नियोक्ता (एम्प्लॉयर) की मंजूरी भी जरूरी नहीं रह गई है।
अब सदस्य खुद ही EPFO पोर्टल पर जाकर अपना बैंक खाता लिंक कर सकते हैं।
डेलॉइट इंडिया की पूर्वा प्रकाश के मुताबिक, “इस बदलाव से कमज़ोर क्वालिटी की फोटो या गलत दस्तावेज़ अपलोड होने की वजह से जो क्लेम रिजेक्ट होते थे, उनकी संख्या काफी कम होगी। साथ ही, सदस्यों को ज्यादा तेज़ और सुविधाजनक अनुभव मिलेगा।”
EPFO में आईटी सिस्टम अपग्रेड से दावों की प्रोसेसिंग होगी और तेज
EPFO ने अपने सॉफ्टवेयर सिस्टम को अपग्रेड किया है, जिससे अब पीएफ निकालने के दावों की जांच और मंजूरी की प्रक्रिया अपने आप हो जाएगी। पहले जहां दावों को निपटाने में 10 से 15 वर्किंग डेज लगते थे, अब यह समय घटकर एक हफ्ते से भी कम हो सकता है।
डेलॉइट इंडिया की पार्टनर पूर्वा प्रकाश के मुताबिक, “नए सिस्टम में दावों की प्रोसेसिंग काफी तेजी से होगी, जिससे उनका निपटारा भी जल्दी किया जा सकेगा।”
UMANG ऐप से पीएफ सेवा और भी सुरक्षित
UMANG ऐप में अब आधार से जुड़ी फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा शुरू कर दी गई है। यह फीचर 8 अप्रैल से लागू हुआ है और इसका मकसद पीएफ से जुड़ी सेवाओं को और सुरक्षित बनाना है।
शुरुआत में यह सुविधा UAN एक्टिवेशन के लिए लाई गई है, लेकिन जल्द ही इसे पीएफ की पूरी निकासी (Full Withdrawal) जैसी सेवाओं तक बढ़ाया जाएगा।
इस तकनीक की मदद से यूजर की जानकारी अपने आप भरी जाती है, जिससे डेटा में गलती की संभावना कम हो जाती है और धोखाधड़ी से बचाव होता है।
2025 में EPFO से जुड़े कुछ और अहम बदलाव