प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: ShutterStock
EPF Calculator: रिटायरमेंट हर व्यक्ति के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है। यह वह समय है जब आप नौकरी से फ्री होकर आराम ने अपने बचे हुए सपनों को पूरा करना चाहते हैं, या फिर घूमना-फिरना और परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी चीज है पैसा। भारत में ज्यादातर लोग रिटायरमेंट के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जैसी स्कीम पर भरोसा करते हैं। यह एक सरकारी योजना है जो नौकरीपेशा लोगों को रिटायरमेंट के लिए बचत करने में मदद करती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर आपकी उम्र 25 साल है और बेसिक सैलरी 20,000 रुपये, तो आपको रिटायरमेंट पर कितना पैसा मिल सकता है? भारत में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) दो ऐसी योजनाएं हैं जो रिटायरमेंट को सुरक्षित बनाती हैं। इस स्टोरी में हम आसान शब्दों और कैलकुलेशन के माध्यम से जानेंगे कि सैलरी अगर 20,000 रुपये महीना है तो 35 साल बाद आपको इससे कितना फंड और पेंशन मिल सकती है?
सबसे पहले हम EPF और EPS के बारे में जानते हैं। EPF एक ऐसी योजना है जिसमें हर महीने आपकी सैलरी से कुछ हिस्सा कटता है और उतना ही हिस्सा आपका नियोक्ता (Employer) भी जमा करता है। यह पैसा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के पास जमा होता है और उस पर आपको ब्याज मिलता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए EPF की ब्याज दर 8.25% तय की गई है।इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें जमा पैसा, उस पर मिलने वाला ब्याज और रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि टैक्स-फ्री होती है।
EPF में हर महीने आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) का 12% हिस्सा कटता है।
अब आते हैं EPS पर। EPS एक पेंशन योजना है और वह भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत चलती है। इसका मकसद रिटायरमेंट के बाद आपको हर महीने पेंशन देना है। EPS में पैसा आपके नियोक्ता के योगदान से आता है। जब आपकी सैलरी से EPF के लिए 12% कटता है, तो नियोक्ता भी 12% देता है। इस 12% में से 8.33% EPS में जाता है। बाकी 3.67% EPF में जाता है।
लेकिन EPS में एक पेंच है। यह योगदान आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के सिर्फ 15,000 रुपये तक पर लागू होता है। इसका मतलब है कि अगर आपकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है, तो भी EPS में सिर्फ 15,000 रुपये पर ही 8.33% गिना जाएगा।
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मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है। इसमें से आपका योगदान: 20,000 × 12% = 2,400 रुपये हर महीने EPF में।
नियोक्ता का योगदान: 20,000 × 12% = 2,400 रुपये, जो दो हिस्सों में बंटता है:
EPS में: 15,000 × 8.33% = 1,250 रुपये (क्योंकि EPS में अधिकतम 15,000 रुपये की सैलरी पर गणना होती है)।
EPF में: 2,400 – 1,250 = 1,150 रुपये।
कुल EPF में: 2,400 (आपका) + 1,150 (नियोक्ता) = 3,550 रुपये हर महीने।
EPS में: 1,250 रुपये हर महीने।
आप 25 साल के हैं और 60 साल में रिटायर होंगे, यानी 35 साल का समय है। हर महीने 3,550 रुपये EPF में जमा होते हैं। साल में यह बनता है: 3,550 × 12 = 42,600 रुपये।
अब 8.25% ब्याज के साथ 35 साल तक यह पैसा बढ़ेगा। इसे आसान बनाने के लिए हम चक्रवृद्धि का अनुमान लगाते हैं। हर साल 42,600 रुपये जमा करने पर 35 साल बाद 8.25% ब्याज से लगभग 68.9 लाख रुपये मिलेंगे।
हर साल आपका पैसा बढ़ता है। पहले साल में 42,600 रुपये पर 8.25% ब्याज (3,514 रुपये) मिलेगा। अगले साल यह ब्याज पिछले पैसे और ब्याज पर भी मिलेगा। 35 साल तक ऐसा चलने से यह राशि 68.9 लाख तक पहुंचती है।
EPS में हर महीने 1,250 रुपये जमा हो रहा है। यह रिटायरमेंट के बाद पेंशन में बदलता है। पेंशन का हिसाब इस तरह होता है:
पेंशन=(सेवा के साल×औसत सैलरी)÷70 पेंशन = (सेवा के साल × औसत सैलरी) \ div 70 पेंशन = (सेवा के साल × औसत सैलरी) \ div 70
सेवा के साल: 35 साल।
औसत सैलरी: पिछले 60 महीनों की बेसिक सैलरी। EPS में यह 15,000 रुपये की सीमा तक गिनी जाती है।
तो पेंशन = (35 × 15,000) ÷ 70
= 5,25,000 ÷ 70
= 7,500 रुपये हर महीना।
कुल मिलाकर कितना फायदा?
अब दोनों को जोड़ते हैं:
EPF से: 68.9 लाख रुपये (एकमुश्त)।
EPS से: 7,500 रुपये हर महीने।
पेंशन को एकमुश्त राशि में बदलना मुश्किल है, लेकिन मान लीजिए आप रिटायरमेंट के बाद 20 साल (60 से 80 साल) तक जीते हैं:
7,500 × 12 × 20 = 18 लाख रुपये।
इस हिसाब से कुल फायदा: 68.9 लाख + 18 लाख = 86.9 लाख रुपये। लेकिन यह सिर्फ अनुमान है, क्योंकि पेंशन आपकी जिंदगी भर चलती है।
अभी हमने माना कि सैलरी 20,000 रुपये ही रहेगी। लेकिन अगर हर साल सैलरी 5-10% बढ़े तो क्या होगा?
5% बढ़ोतरी: 35 साल में EPF फंड 1.2 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
10% बढ़ोतरी: यह 2 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है।
EPS में योगदान 1,250 रुपये ही रहेगा, लेकिन सैलरी बढ़ने से पेंशन थोड़ी ज्यादा हो सकती है। हालांकि, EPS की 15,000 रुपये की सीमा अभी लागू है।
68.9 लाख रुपये और 7,500 रुपये मासिक पेंशन अभी के हिसाब से ठीक-ठाक मानी जा सकती है। लेकिन 35 साल बाद महंगाई की वजह से इसकी कीमत कम होगी। अगर आप रिटायरमेंट पर कम से कम 1 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा चाहते हैं, तो EPF के अलावा दूसरी स्कीम्स में भी निवेश करना होगा। म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन सिस्टम या स्टॉक मार्केट (Stock Market) जैसे विकल्प आपके पास हैं। इनमें अगर हर महीने 2,000-3,000 रुपये अलग से निवेश करते हैं तो आपका रिटायरमेंट फंड दोगुना हो सकता है।
(डिस्केलर: यह केवल एक अनुमानित आकलन है। यह कैलकुलेशन EPF की सालाना ब्याज दर 8.25% मानकर किया गया है। वास्तविक जमा राशि EPF की ब्याज दर और वेतन में बढ़ोतरी के अनुसार बदल सकती है। इसलिए इसे केवल जानकारी के उद्देश्य से देखें और सटीक आंकड़ों के लिए EPFO से पुष्टि करें।)