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Vishal Mega Mart का 1 अरब डॉलर के आईपीओ के लिए गोपनीय आवेदन

पार्टनर्स समूह, केदार कैपिटल समर्थित रिटेलर यह मार्ग चुनने वाली चौथी कंपनी बन गई

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समी मोडक   
Last Updated- July 17, 2024 | 11:42 PM IST

विशाल मेगा मार्ट (वीएमएम) ने आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास पेशकश दस्तावेज जमा कराने की खातिर गोपनीय मार्ग चुना है। निवेश बैंकिंग के सूत्रों ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है और कहा कि फैशन रिटेलर आईपीओ के जरिये 1 अरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

इसके साथ ही विशाल मेगा मार्ट गोपनीय तरीके से आईपीओे दस्तावेज जमा कराने वाली चौथी कंपनी बन गई। साल 2022 में यह जरिया शुरू हुआ था और टाटा प्ले ऐसा करने वाली पहली कंपनी थी। हालांकि उसने आईपीओ योजना टाल दी थी। पिछले साल सॉफ्टबैंक समर्थित होटल एग्रीगेटर ओयो ने भी अपने आईपीओ के लिए गोपनीय दस्तावेज जमा कराए थे। इश बीच, अप्रैल में डिलिवरी दिग्गज स्विगी ने अपने आईपीओ के लिए प्री-फाइलिंग मार्ग चुना, जिसके आईपीओ का आकार 1.25 अरब डॉलर का होने का अनुमान है।

विशाल मेगा मार्ट पूरी तरह से प्राइवेट इक्विटी कंपनियों के स्वामित्व में है। साल 2014 में पार्टनर्स समूह और केदार कैपिटल ने फैशन केंद्रित रिटेलर का अधिग्रहण टीपीजी कैपिटल व श्रीराम समूह से पूरा किया था।
विशाल मेगा मार्ट के आईपीओ में स्विटजरलैंड की पार्टनर्स व देश की केदार कैपिटल अपनी हिस्सेदारी बेचेगी। कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेफरीज, जेपी मॉर्गन, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज व मॉर्गन स्टैनली उसके निवेश बैंकर हैं, जो आईपीओ का कामकाज संभाल रहे हैं।

इस बारे में जानकारी के लिए विशाल मेगा मार्ट को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। विशाल मेगा मार्ट टियर-2 व टियर-3 शहरों में लोकप्रिय है, जहां उपभोक्ता कीमत को लेकर ज्यादा जागरूक होते हैं। कंपनी हालांकि 600 से ज्यादा स्टोर का परिचालन करती है, लेकिन उसकी मौजूदगी ओम्नी चैनल में भी है।

कंपनी वैल्यू फैशन रिटेल में परिचालन करती है, जहां उसकी प्रतिस्पर्धा रिलायंस समूह की ट्रेंड्ज, टाटा समूह की जूडियो और एवेन्यू सुपरमार्ट्स की डीमार्ट से है। साल 2022 में शुरू हुए गोपनीय आवेदन के जरिये के तहत कंपनियां अपने विवरणिका का मसौदा (डीआरएचपी) तब तक प्राइवेट रख सकती हैं जब तक कि उनकी सूचीबद्धता योजना सही तरीके से न बन जाए। यह इश्यू करने वाली कंपनी को सार्वजनिक तौर पर संवेदनशील सूचनाएं रोकने में मदद करती है। यह अनावश्यक सार्वजनिक जांच व कानूनी दांव-पेंच से भी बचाता है।

अभी ज्यादातर कंपनियां सेबी के पास अपने डीआरएचपी जमा कराने के लिए पारंपरिक मार्ग चुनती हैं। निवेश बैंकरों ने कहा कि यह मार्ग ज्यादा लागत व समय प्रभावी है। जब गोपनीय आवेदन पर सेबी अपने ऑव्जर्वेशन जारी करता है तो कंपनियों को इसे सार्वजनिक करना होता है। अद्यतन किए गए डीआरएचपी सार्वजनिक तौर पर कम से कम 21 दिन के लिए रखने होते हैं। इस अवधि में आम लोगों को पेशकश दस्तावेज पर फीडबैक देने की अनुमति होती है। जब यह अवधि पूरी हो जाती है तो कंपनी आईपीओ के लिए आगे बढ़ सकती है।

First Published : July 17, 2024 | 11:28 PM IST