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बाजार में दो साल में दोगुने हुए दो दर्जन शेयर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:07 AM IST

पिछले कुछ महीनों में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बिना किसी वजह के नहीं देखने को मिली है। पिछले दो साल में प्राथमिक बाजार में उतरी 61 कंपनियों में से 24 (39 फीसदी) फर्मों के शेयरों की कीमतें सूचीबद्धता के बाद से दोगुनी हो गई है। वास्तव में हैप्पिएस्ट माइंड्स, इंडियामार्ट इंटरमेश, आईआरसीटीसी, ऐफल इंडिया और रूट मोबाइल के शेयरों में 468 फीसदी से लेकर 722 फीसदी की उछाल आई है। विश्लेषकों के मुताबिक, खुदरा अच्छा रिटर्न अर्जित करने वाले गंतव्यों के अभाव के बीच कम ब्याज दर के कारण निवेशकों की भागीदारी अहम मोड़ पर पहुंच चुकी है। 5पैसा डॉट कॉम के मुख्य कार्याधिकारी प्रकाश गगडानी ने कहा, मोटे तौर पर आईपीओ बाजार में तब उतरते हैं जब नकदी की स्थिति अच्छी होती है और ऐसा ही हाल अभी है। खुदरा निवेशकों और बैंकों के पास नकदी की भरमार है। काफी एचएनआई व म्युचुअल फंड भी ऐसे शेयरों का पीछा कर रहे हैं। इसे देखते हुए आईपीओ में भागीदारी और प्राथमिक बाजार का फायदा उठाने वाली कंपनियों की गतिविधियां जारी रहेंगी। आईपीओ को लेकर जोश जारी रहेगा और खुदरा भागीदारी ठीक-ठाक रहेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने में 12 फर्मों ने आईपीओ के जरिये 27,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वित्त वर्ष 20 में 13 कंपनियों ने 20,352 करोड़ रुपये जुटाए थे और वित्त वर्ष 2019 में 14 फर्मों ने सार्वजनिक निर्गम के जरिए 14,719 करोड़ रुपये जुटाए थे। रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
हालिया आईपीओ में सबस्क्रिप्शन के स्तर को देखते हुए विश्लेषकों ने निवेशकों को सतर्क करना शुरू कर दिया है और उन्हें सलाह दे रहे हैं कि बाजार में उतरने वाले हर आईपीओ में वे आवेदन न करें। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, नुकसान उठाने वाली कंपनियां भी प्राथमिक बाजार में उतर रही हैं और उनकी सूचीबद्धता भी अच्छी हुई है। हमें अब सतर्क रहना चाहिए और बाजार में उतरने वाले हर आईपीओ में आवेदन नहीं करना चाहिए। बाजार में अब कभी भी गिरावट आ सकती है।

First Published : August 4, 2021 | 11:40 PM IST