पिछले कारोबारी साल की आखिरी तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन साफ कर देगा कि विकास की रफ्तार धीमी पड़ी है।
इस तिमाही में कंपनियों का प्रदर्शन खराब रहने के आसार हैं, खासकर नॉन ऑयल कंपनियों का प्रदर्शन। यानी तेल कंपनियों को अलग कर दिया जाए तो करीब करीब सभी सेक्टरों का प्रदर्शन आखिरी तिमाही में बुरा रह सकता है।
इस तिमाही में सेंसेक्स की 27 नॉन ऑयल ऐंड गैस कंपनियों की कमाई में 17.55 फीसदी और शुध्द मुनाफे में 16.57 फीसदी की बढ़त होने की संभावना है। इन कंपनियों की बिक्री और लाभ भी पिछली तीन तिमाहियों की तुलना में कम रहने के आसार हैं।
मुंबई की मोतीलाल ओसवाल सेक्योरिटीज की रिसर्च टीम ने कंपनियों के चौथी तिमाही के प्रदर्शन की समीक्षा की है, इसके मुताबिक सेंसेक्स की 29 कंपनियों (डीएलएफ को छोड़कर), जिसमें तेल और गैस कंपनियां भी शामिल हैं, का प्रदर्शन चौथी तिमाही में कुछ बेहतर होगा। इन कंपनियों की कमाई में इस तिमाही में 19.5 फीसदी की बढ़त और शुध्द मुनाफे में 21.86 फीसदी की बढ़त रहने की संभावना है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कार्पोरेशन (ओएनजीसी) का प्रदर्शन चौथी तिमाही में सबसे अच्छा रहने की उम्मीद है। इस दौरान इसके शुध्द मुनाफे में 60 फीसदी की बढ़त रहने का अनुमान है जबकि तीसरी तिमाही में इसके शुद्ध लाभ में छह फीसदी की कमी आ गई थी। इस दौरान इसकी बिक्री में 27.5 फीसदी और लाभ में 21 फीसदी का इजाफा रहने की उम्मीद है।
लेकिन नॉन ऑयल कंपनियों का प्रदर्शन आखिरी तिमाही में सबसे कमजोर रह सकता है। इस दौरान इनकी कमाई में केवल 17.55 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है, जबकि जून 2007 में 22.94 फीसदी और सितंबर और दिसंबर 2007 को खत्म हुई तिमाही में 21-21 फीसदी का इजाफा देखा गया था।
इसी तरह इन कंपनियों के शुध्द लाभ में भी केवल 16.57 फीसदी का इजाफा होने की उम्मीद है जबकि जून 2007 में 42 फीसदी, सितंबर 2007 में 30.3 और दिसंबर 2007 में 24.06 फीसदी का इजाफा देखा गया था। ऑटो, सीमेन्ट, मेटल्स और पावर सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से ही नॉन ऑयल कंपनियों पर इतना असर पड़ा है।
इसी तरह बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन डेरिवेटिव कारोबार में हुए नुकसान से आखिरी तिमाही में कमजोर रह सकता है। इस तिमाही में स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक की कमाई और लाभ में इजाफा बाकी तीनों तिमाहियों की तुलना में कम रह सकता है।
इंजीनियरिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन ऐंड टूब्रो के लाभ में भी इस बार कमी रह सकती है। कमोडिटी हेजिंग में हुए नुकसान से इसके मुनाफे पर असर पड़ सकता है। बीएचईएल ने भी साल 2007-08 के जो प्रोवीजनल नतीजे दिए हैं उससे भी संकेत मिलते हैं कि कैपिटल गुड्स सेक्टर धीमा पड़ चुका है।
मेटल कंपनियों के लिए तो ये एक और खराब तिमाही रही है। हिंडाल्को के लाभ में चौथी तिमाही में 20 फीसदी की कमी देखी जा सकती है। टाटा स्टील की बिक्री में भी बढ़त एक अंक पर ही सीमित रह सकती है जबकि इसके शुध्द मुनाफे में 25 फीसदी का इजाफा देखा जा सकता है।