facebookmetapixel
बिहार में बंपर जीत के बाद बोले PM मोदी: पश्चिम बंगाल से भी ‘जंगलराज’ को उखाड़ फेंकेंगेबिहार में नीतीश–मोदी फैक्टर की धमक: भाजपा की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा की राह में अब नहीं कोई बाधाबिहार चुनाव 2025: जदयू और भाजपा ने बढ़ाई वोट हिस्सेदारी, AIMIM को झटकाNDA के वादे और वित्तीय सीमाएं: ‘विकसित बिहार’ का सपना कितना संभव?सेबी 17 दिसंबर की बैठक में करेगा हितों के टकराव और खुलासा नियमों की सिफारिशों पर विचारकोटक महिंद्रा बैंक 15 साल बाद स्टॉक स्प्लिट पर फिर करेगा विचार, 21 नवंबर को होगी बोर्ड बैठकअंतरराष्ट्रीय मंचों पर हिंदी सिनेमा को पहचान दिलाने वाली मशहूर अभिनेत्री कामिनी कौशल का निधनDPDP नियम लागू होने के बाद बढ़ेगी सहमति प्रबंधकों की मांग और भूमिकाअगले पांच वर्षों में 5 करोड़ भारतीय निकलेंगे छुट्टियों पर, पर्यटन उद्योग में आएगी लंबी उछालDPDP कानून के बाद एआई ट्रेनिंग का पर नया संकट: सहमति, डेटा हटाने और बढ़ती लागतों से कंपनियों की बढ़ेगी चुनौती

Port Stocks में बन सकता है 16% तक मुनाफा! ग्लोबल ब्रोकरेज ने कहा – ‘भारत के पोर्ट्स में लगाएं पैसा’

Jefferies के मुताबिक, प्राइवेट पोर्ट कंपनियों का Ebitda (ब्याज, टैक्स, गिरावट और मूल्यह्रास से पहले की कमाई) 2025 से 2030 तक सालाना 13% से 21% तक बढ़ सकता है।

Last Updated- April 16, 2025 | 5:10 PM IST
Port

Jefferies ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि भारत की प्राइवेट पोर्ट कंपनियां आने वाले सालों में जबरदस्त मुनाफा कमा सकती हैं। ब्रोकरेज ने JSW Infrastructure और Adani Ports & SEZ को अपनी टॉप पसंद बताया है और कहा है कि इन दोनों शेयरों में 18% से 22% तक की तेजी आने की संभावना है।

2025 से 2030 तक तगड़ी कमाई का अनुमान

Jefferies के मुताबिक, प्राइवेट पोर्ट कंपनियों का Ebitda (ब्याज, टैक्स, गिरावट और मूल्यह्रास से पहले की कमाई) 2025 से 2030 तक सालाना 13% से 21% तक बढ़ सकता है। इसकी वजह होगी 10% से 16% की वॉल्यूम ग्रोथ। यह ग्रोथ पोर्ट की क्षमता बढ़ाने, बड़े पोर्ट्स के निजीकरण और बाजार में हिस्सेदारी बढ़ने से आएगी।

सरकार चाहती है कि 2030 तक बड़े पोर्ट्स की 80% क्षमता निजी हाथों में हो। इसके लिए 95% नई क्षमता भी निजी कंपनियों के जरिए बनाई जाएगी। फिलहाल करीब 500 मिलियन टन की क्षमता का अभी निजीकरण होना बाकी है। इसमें JSW Infra और Adani Ports को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि ये कंपनियां FY25 से FY30 के बीच दो-तिहाई नई वॉल्यूम को संभाल सकती हैं।

JSW Infra को लेकर Jefferies ज्यादा बुलिश

Jefferies ने JSW Infra को Adani Ports की तुलना में ज्यादा सुरक्षित स्थिति में बताया क्योंकि इसकी 98% वॉल्यूम डोमेस्टिक है, यानी भारत के भीतर ही कारोबार है। इससे ग्लोबल मंदी या व्यापार में रुकावटों से कम असर होगा। वहीं, Adani Ports की कंटेनर आधारित वॉल्यूम ज्यादा है जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर निर्भर है।

JSW Infra को Jefferies ने ₹355 का टारगेट प्राइस दिया है और कहा कि कंपनी की ग्रोथ FY27 के बाद भी मजबूत रहेगी। कंपनी JSW ग्रुप के विस्तार का फायदा उठाकर तेजी से आगे बढ़ रही है। 16 अप्रैल को कंपनी का शेयर 305.60 पर बंद हुआ। इस लिहाज से ये 16% का संभावित रिटर्न दे सकता है।

Adani Ports भी मजबूत दावेदार

Adani Ports को भी ब्रोकरेज ने ‘Buy’ रेटिंग दी है और ₹1,340 का टारगेट प्राइस तय किया है। 16 अप्रैल को कंपनी का शेयर 1,232.75 पर बंद हुआ। इस लिहाज से ये 8% का संभावित रिटर्न दे सकता है। Jefferies को उम्मीद है कि Adani Ports की वॉल्यूम ग्रोथ FY25 से FY30 के बीच इंडस्ट्री से डेढ़ गुना ज्यादा रहेगी, जैसा उसने पहले भी दिखाया है।

लॉजिस्टिक्स बना नया ग्रोथ ड्राइवर

अब पोर्ट कंपनियां सिर्फ माल उठाने-उतारने तक सीमित नहीं हैं। Jefferies के मुताबिक, लॉजिस्टिक्स सर्विसेज पोर्ट कंपनियों के लिए नया ग्रोथ एरिया बन चुका है। इससे ग्राहकों की पकड़ मजबूत होती है और पोर्ट की उपयोगिता भी बढ़ती है। Adani Ports अपने 15 पोर्ट्स के नेटवर्क से एंड-टू-एंड लॉजिस्टिक्स सेवाएं दे रही है, जो अब उसकी कुल कमाई का 8% हिस्सा बन चुका है।

JSW Infra ने भी जून 2024 में Navkar Corporation में 70.4% हिस्सेदारी लेकर लॉजिस्टिक्स में एंट्री की थी। अब यह कंपनी JSW ग्रुप की दूसरी लोकेशन्स का फायदा उठाकर लॉजिस्टिक्स बिजनेस बढ़ाने की योजना बना रही है। Jefferies का मानना है कि JSW Infra का ये विस्तार भविष्य में Concor जैसी कंपनियों के लिए खतरा बन सकता है।

First Published - April 16, 2025 | 5:03 PM IST

संबंधित पोस्ट