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Stock Market: कमजोर संकेतों से बढ़त का सिलसिला थमा, सेंसेक्स 739 अंक टूटा

दुनिया भर में कंप्यूटर प्रणाली ठप होने से ट्रैवल से लेकर बैकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं और इसने भी निवेशकों को चिंता में डाला।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- July 19, 2024 | 10:44 PM IST

भारतीय शेयर सूचकांकों में चार दिन से चली आ रही बढ़त का सिलसिला थम गया और कारोबारी सत्र की समाप्ति गिरावट के साथ हुई, जिसकी अगुआई इंडेक्स की दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजे से पहले उसमें आई गिरावट ने की, साथ ही वैश्विक संकेतक भी कमजोर रहे। दुनिया भर में कंप्यूटर प्रणाली ठप होने से ट्रैवल से लेकर बैकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं और इसने भी निवेशकों को चिंता में डाला।

बेंचमार्क सेंसेक्स ने सत्र की शुरुआत नई ऊंचाई को छूकर की, लेकिन बाद में सारी बढ़त गंवा दी। सेंसेक्स ने 739 अंकों की गिरावट के साथ 80,605 पर कारोबार की समाप्ति की। निफ्टी-50 इंडेक्स ने कारोबारी सत्र के दौरान 24,855 की ऊंचाई को छुआ, लेकिन अंत में 270 अंकों की गिरावट के साथ 24,531 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों ने सप्ताह की समाप्ति 0.1-0.1 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ की।

दोनों सूचकांकों के लिए बढ़त का लगातार सातवां सप्ताह था और निफ्टी दिसंबर के बाद बढ़त के सबसे लंबे सिलसिले के बराबर पहुंच गया। सेंसेक्स के लिए बढ़त का यह सिलसिला जनवरी 2021 के बाद का सबसे लंबा सिलसिला है। शुक्रवार की गिरावट से निवेशकों की 7.9 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां स्वाहा हो गई।

रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.9 फीसदी गिरा और सेंसेक्स की गिरावट में सबसे बड़ा हाथ इसी का रहा। इसके बाद 5.2 फीसदी गिरने वाले टाटा स्टील का स्थान रहा। सेंसेक्स के शेयरों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर इन्फोसिस ने बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान किया और कुछ नुकसान की भरपाई में मदद की।

गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद तिमाही नतीजे घोषित करने वाली इन्फोसिस ने 2024-25 के लिए राजरस्व अनुमान बढ़ाकर 3 से 4 फीसदी कर दिया है जबकि पिछली तिमाही में उसने 1 से 3 फीसदी की बढ़त का अनुमान जताया था। विश्लेषकों ने सूचकांकों में गिरावट की वजह बजट से पहले हुई मुनाफावसूली को बताया।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, देसी बाजार ने गिरावट के साथ कारोबार की समाप्ति की क्योंकि वैश्विक स्तर पर बिकवाली हुई, जिसकी वजह ऑपरेटिंग सिस्टम का मसला था और इस वजह से दुनिया भर में उपकरण धराशायी हुए। वैश्विक आईटी आउटेज से भारत के विभिन्न उद्योगों में अवरोध खड़ा हुआ। ज्यादा मूल्यांकन वाले बाजार से भी बजट पूर्व मुनाफावसूली हुई। उद्योग के हक में और लोकलुभावन बजट के अनुमान से हालिया प्रदर्शन बेहतर रहा है।

ग्लोबल आउटेज के कारण एविएशन व ब्रोकिंग फर्मों ने अपने कामकाज में कुछ अवरोध का सामना किया, जिससे उनके शेयर गिरे।

4 जून को लोक सभा चुनाव के नतीजे के दिन तेज गिरावट के बाद भारतीय इक्विटी बाजार मोटे तौर पर बढ़त की राह पर रहे हैं। चुनाव नतीजे के दिन के निचले स्तर से निफ्टी करीब 15 फीसदी उछला है, जिसे नीतिगत निरंतरता की उम्मीद और मजबूत आर्थिक संकेतकों से सहारा मिला है। बाजार की दिशा इस पर निर्भर करेगी कि क्या एफपीआई का निवेश जारी रहता है और अगले हफ्ते बजट से क्या निकलकर आता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, निवेशक भी 23 जुलाई को बजट पेश होने से पहले सतर्क हैं, जो बाजार के लिए अगली दिशा मुहैया कराएगा। आय का सीजन भी रफ्तार पकड़ेगा, जिसके बाद शेयर विशेष पर कदम देखने को मिलेंगे।

बाजार में चढ़ने-गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और 3,071 शेयर चढ़े जबकि 858 में गिरावट आई। चार को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर नुकसान में रहे।

First Published : July 19, 2024 | 10:24 PM IST