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Angel Tax खत्म करने से स्टार्टअप को मिलेगी राहत : डीपीआईआईटी

राजेश कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रस्तावों की मंजूरी प्रक्रिया तेज करने पर काम कर रही है।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- July 25, 2024 | 10:17 PM IST

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रस्तावों की मंजूरी प्रक्रिया तेज करने पर काम कर रही है। सिंह ने बजट के बाद श्रेया नंदी को साक्षात्कार में बताया कि जटिल ऐंजल कर खत्म करने से स्टार्ट अप के लिए रकम का प्रवाह बेहतर होना चाहिए। संपादित अंश :

बजट में एफडीआई नियमों को सरल बनाने की बात कही गई है। किन बदलावों की उम्मीद है?

हम अभी प्रक्रिया बेहतर करने का काम कर रहे हैं। सरकारी रुट से आने वाले एफडीआई प्रस्तावों की मंजूरी पर फैसले के लिए तीन महीने की मानक परिचालन प्रक्रिया है। कई मामलों में इस प्रक्रिया के तहत फैसला लेने में तीन महीने पर सख्ती से अमल नहीं किया जाता है। इसमें डीपीआईआईटी भी शामिल है। समय पर संबंधित मंत्रालयों से जवाब नहीं मिलता। इससे मंजूरी की प्रक्रिया में देरी होती है। इरादा यह है कि फैसले अधिक जल्दी हों। मौजूदा ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल देरी बताने के लिए किया जाएगा।

कुछ क्षेत्रों में एफडीआई की सीमा को अधिक उदार बनाने पर क्या रुख है?

कोई विचार नहीं बना है। कुछ बचे हुए क्षेत्र हैं जिनमें समाचार प्रसारण भी शामिल है। कोई सहमति नहीं है। शुरुआती विचार-विमर्श भी नहीं हुए हैं।

ऐंजल कर समाप्त करने से स्टार्टअप को कैसे मदद मिल सकती है?

स्टार्टअप का समूचा तंत्र उत्साहित है। उन्हें लगता है कि धन जुटाने में आ रही दिक्कतें खत्म हो जाएंगी। वेंचर कैपिटलिस्ट, अमीर निवेशक और विदेशी निवेशक जो कर चुकाने के अनुपालन बोझ के कारण स्टार्टअप में निवेश करने में पहले झिझक रहे थे, अब उन्हें राहत मिलेगी। लिहाजा धन का प्रवाह बेहतर होना चाहिए।

बजट में घोषित जन विश्वास 2.0 और बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान के लिए क्या योजना है?

हम अधिक से अधिक प्रावधानों को चिह्नित करने का प्रयास कर रहे हैं। हम सरकारी विभागों के साथ काम कर रहे हैं और तार्किक संख्या (अनुपालन बोझ) हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे विधेयक बनाना सार्थक होगा। बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान्स (बीआरएपी) 2024 के तरीके और 280 सवालों की सांकेतिक सूची बनाई गई है। इन्हें राज्यों के साथ साझा किया गया है। हमें राज्यों से फीडबैक मिला है। अगले साल बीआरएपी आ जाएगा।

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत प्रोत्साहन देने की क्या प्रगति है। क्या अब तिमाही भुगतान को मंजूरी दी गई है?

कुछ क्षेत्रों को छोड़कर ज्यादातर क्षेत्रों में तिमाही भुगतान की व्यवस्था है। राय यह है कि खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में यह व्यावहारिक नहीं है। हाल में वितरण चक्र (सालाना से तिमाही) बदला गया है। मई के अंत तक कुल वितरण (पीएलआई लाभार्थियों) को करीब 9,721 करोड़ रुपये रहा है। निवेश 1.28 लाख करोड़ रुपये से अधिक, बिक्री 10.8 लाख करोड़ रुपये, 8.5 लाख लोगों को रोजगार और निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये है। निवेश, बिक्री और रोजगार मायने रखता है। वितरण करने वाले कोई और यानी बैक-ऐंड में हैं और इसमें ज्यादा समय लग सकता है।

परियोजना प्रबंधन एजेंसियों (पीएमए) के प्रदर्शन को लेकर चिंताएं हैं?

कई पीएमए का प्रदर्शन बेहतर है। इसलिए कुछ पीएमए की मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) अधिक स्पष्ट और बेहतर की गई हैं। अहम बात यह है कि उन्हें अहसास कराया गया है कि वे सरकारी विभागों की तरह नहीं हैं उनका काम लाभार्थियों के साथ कार्य करना और वितरण चक्र को आसान बनाना है। मुझे पक्का विश्वास है कि दावों के निपटान की प्रक्रिया और तेज होगी।

First Published : July 25, 2024 | 10:17 PM IST