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SME IPO: 3,095 करोड़ रुपये जुटाए गए, जो पिछले साल के दो तिहाई के बराबर

SME IPO: खुदरा निवेशकों और मजबूत प्रदर्शन ने एसएमई आईपीओ को बढ़ावा दिया

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- June 13, 2024 | 9:26 PM IST

छोटे और मझोले उद्यमों (एसएमई) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (आईपीओ) के जरिये जुटाई गई रकम पिछले साल के आंकड़ों के दो तिहाई के बराबर पहुंच गई है। 13 जून, 2024 तक एसएमई आईपीओ प्लेटफॉर्म के जरिये 3,095 करोड़ रुपये के 100 इश्यू बाजार में आए जबकि 2023 में 182 इश्यू के जरिये 4,686 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।

अगर हम कैलेंडर वर्ष के पहले छह माह पर नजर डालें तो एसएमई ऑप्शन शुरू किए जाने के बाद से यह सबसे अच्छा समय रहा है। खुदरा निवेशकों का उत्साह और सूचीबद्ध होने के बाद मजबूत प्रदर्शन एसएमई सेगमेंट के जरिये मोटी रकम जुटाए जाने की मुख्य वजह है। अच्छे रिटर्न के कारण एचएनआई और दूसरे निवेशकों ने अपना ध्यान एसएमई आईपीओ पर लगा दिया।

बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर कीमतों को ट्रैक करने वाला बीएसई एसएमई आईपीओ इंडेक्स 2024 में 79.6 फीसदी उछला जबकि 2023 में इसमें 96 फीसदी और 2022 में 42 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी।

सेंट्रम कैपिटल के पार्टनर (इन्वेस्टमेंट बैंकिंग) प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा कि एसएमई को खुदरा व एचएनआई निवेशक आगे बढ़ा रहे हैं। खुदरा निवेशक बड़े पैमाने पर सीधे निवेश के जरिये भागीदारी कर रहे हैं, जिसका पता देश में खुल रहे डीमैट खातों से चलता है।

एसएमई सेगमेंट कम रकम जुटाने वाले छोटे उद्यमों के लिए है वहीं मुख्य प्लेटफॉर्म बड़ी और ज्यादा परिपक्व कंपनियों के लिए है। एसएमई प्लेटफॉर्म की शुरुआत 2012 में हुई थी, जो मुख्य प्लेटफॉर्म से अलग परिचालित होता है और अलग नियमों का पालन करता है। एसएमई के इश्यू में आवेदन का न्यूनतम आकार करीब एक लाख रुपये है जबकि मुख्य प्लेटफॉर्म वाले इश्यू में यह रकम 15,000 रुपये है।

एसएमई आईपीओ की मजबूत मांग से एसएमई शेयरों की ट्रेडिंग व इसके इश्यू में सटोरिया गतिविधियां शुरू हुईं। बाजार नियामक ने इस तरह की कुछ चिंताएं जताई हैं। स्टॉक एक्सचेंजों ने एसएमई शेयरों के मामले में सतर्कता की अतिरिक्त व्यवस्थाएं लागू की है और मुख्य प्लेटफॉर्म में जाने के लिए नियम सख्त कर दिए हैं।

एक बैंकर ने कहा कि मर्चेंट बैंकों को सही कंपनियां सामने लाने के लिहाज से ज्यादा सतर्क रहना होगा। हम एसएमई आईपीओ में न्यूनतम आईपीओ सीमा या द्धितीयक बाजार की निगरानी के मामले में कुछ नीतिगत सख्ती देख सकते हैं। लेकिन बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि सेबी को एसएमई आईपीओ में किसी खास बदलाव को टालने के लिए ठोस कदम उठाने की दरकार है क्योंकि इश्यू और निवेशकों की तादाद लगातार बनी हुई है।

स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा कि हमने एफऐंडओ में चेतावनी देखी है। कुछ एसएमई आईपीओ में अगर आप तेजी से आवंटन के बाद पहले दिन ही कमाई कर रहे हैं तो उनमें बिकवाली भी तेज हुई है। ऐसे में आप उसी रकम के साथ और ज्यादा आईपीओ के लिए आवेदन कर सकते हैं। उनमें से कई 2 से 3 गुना प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुए हैं। जब लोग मजबूत रिटर्न देखते हैं तो वे किसी चेतावनी पर ध्यान नहीं देते और ये कंपनियां जरूरत से ज्यादा आवेदन के बावजूद फेल हो जाती हैं।

निवेश की ज्यादा रकम (जिसका मकसद खुदरा निवेशकों को हतोत्साहित करना था) भी निवेशकों को रोक नहीं पाई क्योंकि ज्यादातर निवेशक 1 लाख रुपये या इससे ज्यादा रकम के साथ बोली लगाने के मामले में सहज हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन स्तरों से निवेश की न्यूनतम रकम में शायद बदलाव नहीं होगा।

First Published : June 13, 2024 | 9:26 PM IST