स्मॉलकैप और मिडकैप क्षेत्र में मजबूत प्रवाह और ऊंचे मूल्यांकन के बीच फंड मैनेजर नकदी हाथ में रखने पर जोर दे रहे हैं। स्ट्रेस टेस्ट डेटा से पता चलता है कि स्मॉलकैप श्रेणी की करीब आधी योजनाओं के पास फरवरी के अंत तक 5 फीसदी या उससे अधिक की नकदी थी। इसकी तुलना में इस दौरान सिर्फ 20 फीसदी मिडकैप योजनाओं के पोर्टफोलियो में 5 फीसदी से ज्यादा नकदी थी।
फरवरी 2024 तक स्मॉलकैप फंडों के पास करीब 15,226 करोड़ रुपये की नकदी थी। यह राशि 2.5 लाख करोड़ रुपये की कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (AUM) का करीब 6.1 फीसदी है। स्मॉल कैप फंडों के पास औसतन 6 फीसदी नकदी थी।
मिडकैप फंड पोर्टफोलियो के पास 13,150 करोड़ रुपये की नकदी थी जो करीब 3 लाख करोड़ रुपये के AUM का 4.4 फीसदी है। स्ट्रेस टेस्ट रिपोर्ट से पता चलता है कि औसतन 3.7 फीसदी नकदी थी।
एमएफ पोर्टफोलियो में फंड मैनजरों का अधिक नकदी रखना संकेत देता है कि उनके सामने कीमतों में गिरावट की आशंका और इस पैसे के निवेश की चुनैतियां हैं। पिछले एक साल में स्मॉल और मिडकैप फंडों को मजबूत प्रवाह मिला है जिससे भी नकदी के स्तर में वृद्धि हुई है।
स्ट्रेस रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकतर बड़े आकार की योजनाओं को अपने आधे पोर्टफोलियो बेचने में सप्ताहों का समय लग सकता है। योजनाओं में क्वांटम स्मॉल कैप फंड में एयूएम की प्रतिशत के रूप में सर्वाधिक 19 फीसदी नकदी है। एडलवाइस का स्मॉलकैप फंड एकमात्र ऐसी योजना है जो पूरी तरह से निवेशित है।