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Reliance-Jio Financial demerger: शेयर बाजार में मुकेश अंबानी की एक और कंपनी की धमाकेदार एंट्री, जानें सारी डिटेल्स

JFS के शेयरों का मूल्य निर्धारित करने के लिए NSE और BSE पर गुरुवार को पहली बार एक स्पेशल 'प्राइस डिस्कवरी' सेशन आयोजित किया गया

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 20, 2023 | 12:10 PM IST

RIL-Jio Financial Services Demerger:  मुकेश अंबानी की एक और कंपनी की आज शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री हुई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और जियो फाइनैंशियल सर्विस के डीमर्जर को लेकर स्पेशल प्री-ओपन सेशन आज समाप्त हो गया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की अलग फाइनैंशियल सर्विस एंटिटी, जियो फाइनैंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) का शेयर स्पेशल प्री-ओपन सेशन में  उम्मीद से कहीं ज्यादा 261.85 रुपये पर फिक्स हुआ।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर आज 11: 28 बजे निफ्टी 50 में 2,618.95 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था, जबकि बुधवार को यह 2,841.85 रुपये पर बंद हुआ था।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषकों ने अनुमान लगाया था कि RSIL यानी रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स (जिसका नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज रखा जाएगा) के शेयर की कीमत 160 रुपये से 190 रुपये प्रति शेयर के बीच होगी।

इस बीच, S&P BSE Sensex index 200 अंक नीचे 66,890 पर था, जबकि निफ्टी 50 19,767 के स्तर के आसपास मंडरा रहा था।

भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी और अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज वैल्यू अनलॉक करने के कदम के तहत गुरुवार को अपने फाइनैंशियल सर्विस बिजनेस को अलग कर दी यानी इसका डीमर्जर हो गया। इसके लिए NSE ने आज सुबह 9-10 के बीच स्पेशल सेशन भी आयोजित कराया था।

Jio Financial Services के शेयरों का मूल्य निर्धारित करने के लिए लोकल स्टॉक एक्सचेंज गुरुवार को पहली बार एक स्पेशल ‘प्राइस डिस्कवरी’ सेशन आयोजित किया गया।

कंपनी द्वारा 8 जुलाई को डीमर्जर की रिकॉर्ड तारीख की घोषणा के बाद से रिलायंस के शेयरों में 8 फीसदी की उछाल आई है। कंपनी का स्टॉक इस साल अब तक स्टॉक 11.6 फीसदी बढ़ गया है, जो ब्लू-चिप निफ्टी 50 में 9.5 फीसदी की वृद्धि को पीछे छोड़ रहा है।

फाइनैंशियल सर्विस के डीमर्ज होने के बाद गुरुवार को रिलायंस स्टॉक का क्या होगा?

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की तरफ से गुरुवार को सुबह 9:00 बजे से 10.00 बजे IST (0330-0440 GMT) के बीच रिलायंस-जियो डीमर्जर के लिए प्री-ओपन कॉल ऑक्शन’ सेशन आयोजित किए गए , जिसमें RIL के बुधवार के क्लोजिंग प्राइस 2,841.85 रुपये को रिफरेंस प्राइस के रूप में लिया गया।

स्पेशल सेशन के अंत में रिलायंस के लास्ट क्लोजिंग और सेटलिंग प्राइस के बीच अंतर की गणना करके जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का एक स्थिर शेयर मूल्य (constant share price ) निर्धारित किया गया।

इसके बाद रिलायंस के शेयर गुरुवार को सभी मौजूदा इंडेक्सों पर नई कीमत पर कारोबार कर रहे हैं। हालांकि, जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के स्टॉक को ब्लू-चिप निफ्टी 50 सहित इंडेक्स में शामिल किया जाएगा, लेकिन लिस्टिंग होने तक ट्रेड नहीं किया जाएगा।

रिलायंस की आगामी वार्षिक आम बैठक में जियो फाइनैंशियल सर्विसेज की लिस्टिंग की तारीख की घोषणा होने की उम्मीद है।

अलग की गई फर्मों के लिए नए इंडेक्स में शामिल होने के नियम

भारत के NSE ने अप्रैल में नियमों में बदलाव किया कि कैसे अलग-अलग कंपनियों को उनके इंडेक्स में शामिल किया जाएगा।

सभी नई लिस्टेड एंटिटी को पहले इंडेक्स से बाहर रखा गया था और fixed constituents वाले इंडेक्सों को किसी दूसरे एलिजिबल स्टॉक से रीप्लेस कर दिया गया था।

नए नियमों के मुताबिक, किसी भी नए लिस्टेड बिजनेस को शुरू में कॉन्सटैंट प्राइस पर इंडेक्स में शामिल किया जाएगा, जो कि डीमर्जर होने से एक दिन पहले अलग हुई फर्म के क्लोजिंग प्राइस और डीमर्जर की तारीख पर एक स्पेशल प्री-ओपन सेशन के दौरान कीमत के बीच का अंतर है।

अलग की गई एंटिटी को लिस्टिंग के तीसरे दिन के अंत में इंडेक्स से हटा दिया जाएगा।

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रिलायंस का डीमर्जर (Reliance Demerger)

रिलायंस ने पिछले अक्टूबर में ऐलान किया था कि वह अपने फाइनैंशियल सर्विस बिजनेस- रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स – को अलग कर देगी और मार्केट में लिस्टिंग कराएगी, जिसका नाम बदलकर Jio फाइनैंशियल सर्विसेज (JFS) कर दिया जाएगा।

रिलायंस का एक शेयर रखने पर रिलायंस के शेयरधारकों को जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का एक शेयर मिलेगा।

कंपनी ने 20 जुलाई को डीमर्जर रिकॉर्ड तिथि या कट-ऑफ तिथि के रूप में निर्धारित किया है, जिसका उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि कौन से शेयरधारक एलिजिबल हैं।

अनुभवी बैंकर केवी कामथ गैर-कार्यकारी (non-executive chairman ) अध्यक्ष होंगे और ICICI Bank के पूर्व कार्यकारी हितेश सेठिया CEO होंगे।

विश्लेषकों का मानना ​​है कि JFS की बड़ी मात्रा में डेटा तक पहुंच और रिलायंस के पास गैर-बैंक वित्त कंपनी (NBFC) लाइसेंस होने से कंपनी को कर्ज देने में मदद मिलेगी। मैक्वेरी रिसर्च (Macquarie Research) ने यह भी कहा कि कंपनी शायद एक AAA-rated एंटिटी होगी जो आकर्षक दरों पर उधार ले सकती है।

First Published : July 20, 2023 | 11:40 AM IST