कृषि रसायन कंपनी पीआई इंडस्ट्रीज का शेयर अगस्त के बाद से 7 फीसदी नीचे है और छह महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा है। शेयर में यह गिरावट (मौजूदा कीमत 3,621 रुपये) जून तिमाही में कंपनी के कमजोर प्रदर्शन और निर्यात बाजार के लिए निकट भविष्य के सुस्त परिदृश्य के कारण हुई है, जहां वैश्विक ग्राहक अपना स्टॉक कम कर रहे हैं।
इसके अलावा, घरेलू बायोलॉजिक्स क्षेत्र में नियामकीय बाधाओं ने पीआई के पहली तिमाही के प्रदर्शन को प्रभावित किया और दूसरी तिमाही में भी वृद्धि पर इसका असर पड़ने की आशंका है। गिरावट के बावजूद यह शेयर क्षेत्र के औसत प्रदर्शन से ऊपर कारोबार कर रहा है और मौजूदा स्तरों से इसमें बहुत कम बढ़त की संभावना है।
निर्यात में कमजोर प्रदर्शन के कारण जून तिमाही में पीआई का राजस्व पिछले साल की तुलना में 8 फीसदी कम रहा। कृषि रसायन निर्यात (कस्टम सिंथेसिस और विनिर्माण या सीएसएम खंड), जो कंपनी के राजस्व में 78 फीसदी का योगदान देता है, 14 फीसदी कम हुआ। सीएसएम में गिरावट का कारण वॉल्यूम में 9 फीसदी की गिरावट रही, जबकि बिक्री में नए उत्पादों की हिस्सेदारी पिछले वर्ष की तुलना में 46 फीसदी बढ़ी। कंपनी वित्त वर्ष 2026 में लगभग सात नए उत्पादों/मॉलिक्यूल के व्यवसायीकरण की योजना बना रही है।
पीआई के घरेलू कारोबार का प्रदर्शन बेहतर रहा, जहां बिक्री में 6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि वॉल्यूम में 7 फीसदी का इजाफा हुआ। बायोलॉजिक्स को छोड़कर घरेलू खंड में बिक्री में 13 फीसदी की वृद्धि देखी गई। नियामक परिवर्तनों का असर बायोलॉजिक्स पर पड़ा, जो घरेलू बिक्री का 5वां हिस्सा है। हालांकि इस समस्या का जल्द ही समाधान होने की उम्मीद है, लेकिन भारत द्वारा कृषि रसायनों में इस्तेमाल होने वाले जैविक उत्पादों के पंजीकरण को अस्थायी रूप से बंद करने से सितंबर तिमाही पर भी असर पड़ने की आशंका है।
हालाँकि कंपनी का सकल मार्जिन 570 आधार अंक बढ़कर 57.4 फीसदी पर पहुंच गया, लेकिन परिचालन लाभ मार्जिन पिछले वर्ष की तुलना में 90 आधार अंक घटकर 27.3 फीसदी रह गया। ऐसा कर्मचारियों और अन्य खर्चों में वृद्धि के कारण हुआ। कंपनी ने वित्त वर्ष 26 के लिए अपनी एक अंक में राजस्व वृद्धि को बनाए रखा है, जिसमें परिचालन लाभ मार्जिन 25 फीसदी से 27 फीसदी और सकल मार्जिन 50 फीसदी से 52 फीसदी के दायरे में रहा।
सितंबर तिमाही में आर्थिक चुनौतियां जारी रहने की संभावना है, जिसके बाद वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे सुधार होगा। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के सुमंत कुमार की अगुआई में विश्लेषकों ने कहा, ज्यादातर बाजारों में स्टॉक कम होने के शुरुआती संकेत और अनुकूल मॉनसून के साथ निर्यात और घरेलू दोनों बाज़ारों में सुधार की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल ने कहा, फार्मा सेगमेंट ने भी मजबूत वृद्धि दर्ज की है और अगले 12-18 महीनों में घाटा समाप्त होने के साथ मार्जिन में सुधार की उम्मीद जताई है। ब्रोकरेज ने 4,650 रुपये प्रति शेयर लक्षित कीमत के साथ इसे खरीदने की सलाह दोहराई है।
ब्रोकरेज कंपनियां दीर्घकालिक वृद्धि को लेकर सकारात्मक हैं, लेकिन कुछ ने अपने अनुमानों को संशोधित कर नीचे की ओर कर दिया है या अल्पावधि की चिंताओं के कारण पीआई के स्टॉक की रेटिंग घटा दी है। देवेन चोकसी रिसर्च ने वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के अनुमानित आय अनुमानों को क्रमशः 4.4 फीसदी और 9 फीसदी घटा दिया है।