भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक कार्य समूह की सिफारिशों पर कदम उठाते हुए इंटरबैंक कॉल मनी मार्केट और रीपो तथा ट्राई-पार्टी रीपो बाजारों के लिए ट्रेडिंग घंटे बढ़ा रहा है। इंटरबैंक कॉल मनी मार्केट के लिए बाजार का समय 1 जुलाई से शाम 5 बजे से 2 घंटे बढ़ाकर अब शाम 7 बजे कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, बाजार का संशोधित समय सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक होगा। रीपो और ट्राई-पार्टी रीपो (टीआरईपी) बाजारों का ट्रेडिंग समय 1 अगस्त से शाम 3 बजे के बजाय शाम 4 बजे कर दिया जाएगा। ट्रेडिंग का संशोधित समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा।
आरबीआई ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ये बदलाव केंद्रीय बैंक से नियमन वाले विभिन्न बाजारों के ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की व्यापक समीक्षा के लिए बनाए गए कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर किए जा रहे हैं। सरकारी प्रतिभूतियों, विदेशी मुद्रा और ब्याज दर डेरिवेटिव बाजारों के कारोबारी समय में कोई बदलाव नहीं होगा।
केंद्रीय बैंक के सर्कुलर में कहा गया है, ‘कार्य समूह ने बाजार के और विकास, मूल्य खोज और तरलता जरूरतों को अनुकूल बनाने के उद्देश्य से सिफारिशें की हैं। समूह के अन्य सुझावों पर विचार किया जा रहा है और समय पर उनके बारे में निर्णय लिया जाएगा।’
रिजर्व बैंक ने फरवरी में वित्तीय बाजारों के लिए ट्रेडिंग और सेटलमेंट समय की समीक्षा के लिए नौ सदस्यों के कार्य समूह का गठन किया था। समूह को हाल के वर्षों में वित्तीय क्षेत्र की गतिविधियों का जायजा लेना था। इसमें ट्रेडिंग का बढ़ता डिजिटलीकरण, 24×5 यानी पांच दिन तक 24 घंटे के आधार पर संचालित विदेशी मुद्रा और कुछ ब्याज दर डेरिवेटिव बाजारों की उपलब्धता, घरेलू वित्तीय बाजारों में गैर-निवासियों की बढ़ती भागीदारी और भुगतान प्रणालियों की चौबीसों घंटे उपलब्धता शामिल है।
समूह का मुख्य उद्देश्य आरबीआई की ओर से विनियमित विभिन्न वित्तीय बाजारों के मौजूदा ट्रेडिंग एवं निपटान समय-सीमा की समीक्षा करना था। इसमें ट्रेडिंग, क्लियरिंग, सेटलमेंट और ट्रांजैक्शन रिपोर्टिंग के लिए बाजार इन्फ्रास्ट्रक्चर के कामकाज के घंटे शामिल हैं। इसके अलावा, समूह को मौजूदा समयावधि में पैदा होने वाली किसी भी चुनौती या बाधा का विश्लेषण भी करना था, जैसे बाजारों में प्राइस/रेट ट्रांसमिशन, बाजार की अस्थिरता, व्यापार वितरण, नकदी आवश्यकताओं पर उनका प्रभाव। इसके अलावा, उसे बाजार के समय के संबंध में अंतरराष्ट्रीय प्रणालियों का जायजा लेने और भागीदारी, तरलता तथा ट्रेडिंग वॉल्यूम सहित बाजार विकास पर उनके प्रभाव का आकलन करने का काम भी सौंपा गया था।