प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) ने कहा है कि जिस तरह की तकनीकी परेशानी का सामना एक्सचेंज ने किया वह बार-बार डेटाबेस के मसले से हुई। इसकी वजह से ओवरनाइट क्लियरिंग सिस्टम से जुड़ी प्रक्रियाओं में देर हुई।
जिंस एक्सचेंज पर बुधवार को ट्रेडिंग की शुरुआत देर से हुई। लिहाजा, ब्रोकरों के ऑर्डर स्वीकार नहीं हो पाए। जिंस एक्सचेंज में ट्रेडिंग की शुरुआत सुबह 10.15 बजे हुई जबकि इसके शुरू होने का समय 9.15 है।
एमसीएक्स ने एक बयान में कहा, मसले की जांच की गई है और ठीक करने के कदम उठाए गए हैं। तब से ट्रेडिंग सामान्य हो गई है और ट्रेडिंग वॉल्यूम भी सामान्य हो गया है। एमसीएक्स का शेयर गुरुवार को 0.24 फीसदी की गिरावट के साथ 8,242 रुपये पर बंद हुआ।
एक्सचेंज ने कहा, ऐसी एकबारगी विसंगतियों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त निगरानी शुरू की गई है। पूरा आकलन किया जा रहा है। सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसने अपने सदस्यों और निवेशकों को हुई असुविधा के लिए खेद जताया।
विशेषज्ञों ने कहा कि अगर गंभीर चूक होती है जैसे कि 75 मिनट से अधिक समय तक ट्रेडिंग बाधित रहना, तो बाजार नियामक उस पर कुछ वित्तीय बोझ डाल सकता है।
बुधवार की गड़बड़ी एमसीएक्स में ऐसी पहली घटना नहीं थी। फरवरी 2024 में एमसीएक्स में चार घंटे से ज्यादा की देरी हुई थी। इसके लिए सदस्यों की धीमी बैकएंड फाइल प्रोसेसिंग और जेनरेशन को ज़िम्मेदार ठहराया गया था। कई बाजार प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया पर हाल के दिनों में एमसीएक्स में हुई कई तकनीकी गड़बड़ियों की ओर इशारा किया था।