Stock Market Closing Bell: वैश्विक बाजारों में तेजी के बावजूद घरेलू शेयर बाजारों में शुक्रवार (14 फरवरी) को लगातार आठवें ट्रेडिंग सेशन में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी प्रेजिडेंट डोनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के टैरिफ को लेकर सख्त रुख के चलते बाजार एक बार फिर गिरावट में बंद हुआ।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 214.88 अंक या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 76,353.85 पर ओपन हुआ। हालांकि, इंडेक्स बाद में लाल निशान में फिसल गया। अंत में सेंसेक्स कुछ रिकवरी करते हुए 199.76 या 0.26% गिरकर 75,939.21 पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 (Nifty50) भी मजबूत शुरुआत के बाद फिसल गया। अंत में यह 102.15 अंक या 0.44% की गिरावट लेकर 22,929.25 पर क्लोज हुआ।
घरेलू शेयर बाजारों में पिछले आठ ट्रेडिंग सेशन से जारी गिरावट की वजह से निवेशकों को 28 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप शुक्रवार (14 फरवरी) को 400 लाख करोड़ रुपये से निचे गया। पिछेल आठ ट्रेडिंग सेशन में इसमें 28 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट आई है।
बीएसई की वेबसाइट के अनुसार, बाजार का मार्किट कैप 5 फरवरी को 428,03,611 करोड़ रुपये था। शुक्रवार को यह घटकर 399,85,495 करोड़ रुपये पर (अस्थायी) आ गया। इस तरह पिछले आठ ट्रेडिंग सेशन में इसमें 28,18,116 करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
1. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की बराबर टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसे लेकर एनालिस्ट्स का कहना है कि इससे भारत को अन्य एशियाई देशों के मुकाबले सबसे अधिक नुकसान हो सकता है।
2. विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। इसका बाजार के सेंटीमेंट्स पर नकारात्मक असर पड़ा है।
3. ज्यादातर देसी कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे इस बार उम्मीद से कम रहे हैं। इसने निवेशकों की चिंता को और बढ़ा दिया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने साल 2025 के पहले 6 हफ्तों में भारतीय बहारों 10 अरब डॉलर से ज्यादा (करीब 97,000 करोड़ रुपये) वैल्यू के शेयर बेच दिए हैं। अब तक किसी भी साल के पहले छह हफ्तों में यह सबसे ज्यादा बिकवाली है। विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली से साल के शुरुआती महीनों में शेयर बाजार का प्रदर्शन करीब एक दशक में सबसे खराब रहा है।
जनवरी में भारत का थोक मूल्य इंडेक्स (WPI) घटकर 2.31% रह गया, जो दिसंबर 2024 में 2.37% था। जनवरी 2024 में WPI महंगाई दर 0.27 प्रतिशत रही। WPI फूड इंडेक्स जनवरी 2025 में घटकर 7.47 प्रतिशत पर आ गया, जो दिसंबर 2024 में 8.89 प्रतिशत था। वहीं, ईंधन की कीमतों में 2.78 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि दिसंबर में यह गिरावट 3.79 प्रतिशत थी।