पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयर ब्रोकरों द्वारा रिक्वेस्ट फॉर कोट (RFQ) प्लेटफॉर्म के जरिये कॉरपोरेट बॉन्डों में लेनदेन के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसका मकसद इस प्लेटफॉर्म पर तरलता (liquidity) बढ़ाना है।
सेबी द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि मालिकाना स्वामित्व में सभी सौदों के लिए शेयर ब्रोकरों को 1 जुलाई से स्टॉक एक्सचेंजों के RFQ प्लेटफॉर्म पर ‘वन-टु-वन’ (OTO) या ‘वन-टु-मैनी’ (OTM) मोड के जरिये उस महीने में कॉरपोरेट बॉन्डों के मूल्य के हिसाब से अपने कुल सेकंडरी बाजार सौदों का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा बरकरार रखना होगा, और उसके बाद अगले साल अप्रैल से इस प्रतिशत को बढ़ाकर 25 किया जाएगा।
शेयर ब्रोकरों को चालू महीने में कॉरपोरेट बॉन्डों में कुल सेकंडरी बाजार सौदों के संबंध में RFQ के OTO या OTM विकल्प के जरिये क्रियान्वित किए जाने वाले सौदों की वैल्यू पर ध्यान देना होगा।
इसके अलावा स्टॉक ब्रोकरों की प्रॉपराइटरी क्षमता से जुड़े सौदों पर ही ऐसी गणना के मकसद से विचार किया जाएगा।
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RFQ प्लेटफॉर्म इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर बोलियां आमंत्रित करने या सौंपने के लिए एक इंटरफेस है। अक्टूबर 2022 में, सेबी ने शेयर ब्रोकरों को अपने ग्राहकों की ओर से RFQ प्लेटफॉर्म पर बोलियां सौंपने की अनुमति दी, जिससे कि कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में भागीदारी ज्यादा व्यापक बनाई जा सके।
इसके अलावा, शेयर ब्रोकरों को OTM व्यवस्था के जरिये RFQ प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों के लिए प्रॉपराइटरी क्षमता में बोलियां सौंपने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।