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गलत हरकत करने वालों पर कार्रवाई करे AMFI: सेबी चेयरपर्सन बुच

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- May 30, 2023 | 11:44 PM IST

संपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMFI) में रहकर गलत हरकत और कदाचार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी से उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इसके लिए एम्फी को सदाचार समिति बनाने को कहा गया है।

मुंबई में एम्फी के दफ्तर के उद्घाटन में आज मौजूद सेबी की चेयरपर्सन बुच (Sebi chairperson) ने कहा कि बाजार नियामक उद्योग में होने वाला कदाचार और गलत गतिविधियां रोकने के लिए संस्थागत प्रणाली तैयार कर रहा है। यह समिति फ्रंट रनिंग और भेदिया कारोबार जैसी गलत हरकतों में लिप्त पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ खुद ही कार्रवाई करेगी।

बुच ने कहा, ‘इसके पास न्यायिक अधिकार नहीं होंगे मगर समूचे उद्योग की भलाई के लिए यह स्वयं काम करेगी। इसके लिए उसे किसी व्यक्ति को बुलाना पड़े और कहना पड़े कि गलत व्यवहार करने के लिए उसे खमियाजा भुगतना पड़ेगा तो उसे स्वीकार करना या नहीं करना उस कंपनी की इच्छा पर होगा। यदि कंपनी बात नहीं मानती तो वह एम्फी को छोड़कर जा सकती है।’

बुच ने कहा कि इस प्रकार के व्यक्ति की जानकारी नियामक से पहले उद्योग के पास होती है। उन्होंने कहा, ‘यदि एएमसी को पता है कि कोई व्यक्ति गलत हरकत कर रहा है और आज नहीं तो कल नियामक को पता चलने पर सभी को भुगतना पड़ेगा तो अपने सदस्यों से सुधरने के लिए कहने का जिम्मा उनका ही है।’

सेबी प्रमुख ने कहा कि स्व नियमन के रास्ते ऐसी हरकत नहीं रुकी तो नियामक ‘सजा देने आएगा।’

एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, ‘आचार समिति कोष प्रबंधकों तथा परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों के अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है। एएमसी को संगठन के साथ आचार संहिता पर हस्ताक्षर करने होंगे और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी उनकी होगी।’

इस महीने की शुरुआत में सेबी में एक परामर्श पत्र जारी किया था जिसमें एक चेतावनी प्रणाली बनाने का प्रस्ताव दिया गया था ताकि कर्मचारियों की जीवनशैली, रिकॉर्ड की गई बातचीत और सीसीटीवी फुटेज आदि के जरिये संभावित गलत हरकत का पता लगाया जा सके।

इसके साथ एएमसी को फ्रंट रनिंग, भेदिया कारोबारी, उत्पादों की गलत तरीके से बिक्री करने, प्रमुख कर्मचारियों द्वारा सूचनाओं का दुरुपयोग तथा एएमसी के आदेश को उनके ब्रोकर-डीलरों द्वारा लागू करने में देरी का पता लगाने के लिए आंतरिक नियंत्रण प्रणाली विकसित करने के लिए भी कहा था।

संगठन ने म्युचुअल फंडों के लिए कुल खर्च अनुपात (टोटल एक्सपेंस रेश्यो) में व्यापक बदलाव के सेबी के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया के लिए थोड़ा और वक्त मांगा है। सेबी ने समयसीमा को 7 दिन बढ़ा दिया है और हितधारक अब 6 जून तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

First Published : May 30, 2023 | 11:44 PM IST