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Rupee vs Dollar: रुपया 83.16 पर हुआ बंद, ढाई महीने के निचले स्तर पर रुपया

Rupee vs Dollar: मार्च की नीति में ब्याज दरों की कटौती की उम्मीद काफी कम हो गई है, इसलिए डॉलर मजबूत हुआ है और दूसरी मुद्राओं में कमजोरी आई है।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- March 20, 2024 | 11:15 PM IST

रुपये में लगातार दूसरे दिन बुधवार को गिरावट आई। कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया करीब ढाई महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। बुधवार की शाम को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे आने से पहले रुपये में गिरावट का दौर रहा। कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 83.16 पर बंद हुआ। यह इस साल 4 जनवरी के बाद का सबसे निचला स्तर है।

एलकेपी सिक्यूरिटीज में शोध के उपाध्यक्ष जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘डॉलर इंडेक्स में बढ़त की वजह से रुपये में गिरावट आई है। आज शाम को अमेरिका में ब्याज दरों से जुड़ा ऐलान होने से पहले पिछले दो दिनों में डॉलर इंडेक्स 0.80 अंक से ज्यादा बढ़कर 103.78 तक पहुंच गया। मार्च की नीति में ब्याज दरों की कटौती की उम्मीद काफी कम हो गई है, इसलिए डॉलर मजबूत हुआ है और दूसरी मुद्राओं में कमजोरी आई है। ’

उन्होंने कहा, ‘अटकलें इस बात की हैं कि ब्याज दरों में कटौती का फैसला जून-जुलाई 2024 तक टाला जा सकता है, जिससे डॉलर की तेजी को और बल मिला। फेड की मौद्रिक नीति समीक्षा का सुर देखना अहम होगा, क्योंकि अगर रुख आक्रामक रहा तो डॉलर इंडेक्स में तेज बढ़त हो सकती है जिससे रुपया लुढ़कते हुए डॉलर के मुकाबले 83.25 से 83.30 के दायरे में पहुंच सकता है।’

कारोबारियों में यह अटकल है कि भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में दखल दे रहा है। वह मार्च अंत तक विदेशी मुद्रा भंडार 650 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए डॉलर की खरीद कर रहा है और इसकी वजह से रुपये पर और दबाव बढ़ा है। 8 मार्च तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 636 अरब डॉलर था। अमेरिका से आए कुछ प्रतिकूल आंकड़ों की वजह से एक साल के डॉलर-रुपया फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट प्रीमियम में भी गिरावट आई है।

मंगलवार को यह प्रीमियम तीन महीने के निचले स्तर 1.56 फीसदी पर पहुंच गया था, हालांकि बुधवार को इसमें कुछ मजबूती आई और यह 1.62 फीसदी पर रहा। डीलरों का कहना है कि कारोबारियों ने तंगी से बचने के लिए डॉलर खरीदे और प्रीमियम हासिल किए।

करूर वैश्य बैंक में ट्रेजरी प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने कहा, ‘ प्रीमियम में गिरावट की दो वजहें हैं। रिजर्व बैंक 5 अरब डॉलर की स्वैप डिलिवरी ले रहा है जिससे तंत्र में डॉलर की तंगी हुई है और अमेरिका में ब्याज दरों की कटौती में देरी होने का अनुमान है।’ उन्होंने कहा, ‘एक और वजह यह है कि रुपया काफी स्थिर रहा। आयातक हेज करने की जगह इंतजार कर रहे हैं।’

First Published : March 20, 2024 | 11:15 PM IST