डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को पिछले 2 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अमेरिका में खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर उम्मीद से कम रहने की वजह से उम्मीद जगी है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व का दर बढ़ाने का चक्र अब नजदीक है और इससे डॉलर सूचकांक में गिरावट आई है, इसका असर भारतीय मुद्रा पर पड़ा है।
रुपया गुरुवार को 81.97 के मजबूत स्तर पर खुला और डॉलर के मुकाबले दिन के उच्च स्तर 81.83 पर पहुंचा और उसके बाद 81.85 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद से 23 पैसे ज्यादा है। डॉलर सूचकांक गिरकर 100.90 पर पहुंच गया, जबकि ब्रेंट क्रूड की कीमत थोड़ी कम होकर 87.01 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘अमेरिका के गैर कृषि रोजगार आंकड़े बेहतर रहने के बावजूद डॉलर असुरक्षित नजर आ रहा है क्योंकि मंदी की संभावना के कारण बाजार 2024 में दर में कटौती की उम्मीद कर रहा है।’ भारतीय रुपया इस समय मजबूत हो रहा है और 2023 में यह 1.08 प्रतिशत चढ़ा है।
सीआर फॉरेक्स के प्रबंध निदेशक अमित पाबरी ने कहा, ‘ अमेरिकी सीपीआई रिपोर्ट नरम रहने के कारण डॉलर इंडेक्स (डीएक्सवाई) कमजोर हुआ है, जिसके कारण ईएम और डीएम मुद्राओं में करीब 0.50 प्रतिशत मजबूती के मुताबिक रुपया भी चला है। इक्विटी में एफआईआई प्रवाह तेज रहने का लाभ मिला है।’
लेकिन आगे रुपये में मजबूती सीमित हो सकती है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक अपना विदेशी मुद्रा भंडार बनाने की कवायद कर सकता है। 2023 के शुरुआती महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार करीब 16 अरब डॉलर बढ़कर 578.5 अरब डॉलर हो गया। पाबरी ने कहा, ‘व्यापार घाटा बढ़कर करीब 20 अरब डॉलर हो गया है।