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Penny Stocks: बीते 10 सालों में इन 17 पेनी स्टॉक्स ने दिया है 200 गुना से ज्यादा रिटर्न

Penny Stocks: इन 17 शेयरों में से ज्यादातर, करीब 82 फीसदी (14), उस वक्त BSE पर 10 रुपये से कम दाम में बिकने वाले पेनी स्टॉक थे।

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पुनीत वाधवा   
रेक्स कैनो   
Last Updated- May 29, 2024 | 5:54 PM IST

शेयर बाजार में कहा जाता है कि जोखिम लेने वालों को ही फायदा होता है। लेकिन आमतौर पर विशेषज्ञ नए निवेशकों को सलाह देते हैं कि वो कम दाम वाले शेयरों (10 रुपये से कम) से दूर रहें। वहीं, कुछ विशेषज्ञ 10 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली कंपनियों के शेयरों (मिडकैप) में भी निवेश न करने की सलाह देते हैं, क्योंकि इनमें काफी उतार-चढ़ाव होता है।

लेकिन, इतिहास कुछ और ही कहानी कहता है।

पिछले 10 सालों में, जब से 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार बनी थी, तब से अब तक BSE के सेंसेक्स, मिडकैप और स्मॉलकैप सेक्टरों में 17 ऐसे शेयर रहे हैं, जिन्होंने 200 गुना से भी ज्यादा का रिटर्न दिया है।

इन 17 शेयरों में से ज्यादातर, करीब 82 फीसदी (14), उस वक्त BSE पर 10 रुपये से कम दाम में बिकने वाले पेनी स्टॉक थे। ACE Equity के डेटा के मुताबिक, इस दौरान मुख्य सूचकांकों में – S&P BSE Sensex 214 फीसदी, BSE Midcap index 470 फीसदी और BSE Smallcap index 508 फीसदी तक चढ़ गए हैं।

वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के डायरेक्टर-इक्विटी, क्रांति भाटिनी का मानना है कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में आए बदलाव और मजबूत विकास का फायदा ज्यादातर छोटी और मिडकैप कंपनियों को मिला है।

भाटिनी ने कहा, “2014 से पहले, मिड और स्मॉल-कैप शेयर लंबे समय से कमजोर प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है और हम सतत विकास देख रहे हैं। इनमें से कई छोटी और मिडकैप कंपनियों ने इसका फायदा उठाया है।”

वहीं, दूसरी ओर वोडाफोन आइडिया, यस बैंक, जीएफएल लिमिटेड, डेन नेटवर्क्स, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डिश टीवी इंडिया जैसी कंपनियों के शेयरों में इस दौरान 83 फीसदी तक की गिरावट आई है। सबसे ज्यादा कमाई देने वाली कंपनी ज्योति रेजिन एंड एडहेसिव्स रही है, जिसके शेयरों में 488 गुना का उछाल आया है। मई 15, 2014 को (2014 के लोकसभा चुनाव नतीजे आने से एक दिन पहले) इसके शेयर 2.68 रुपये के आसपास थे।

ऐसे ही कुछ अन्य शेयर जिनमें पिछले 10 सालों में जबरदस्त तेजी आई है, उनमें टैनफैक इंडस्ट्रीज (230 गुना बढ़ोतरी), ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक (221 गुना), केई इंडस्ट्रीज (206 गुना), साधना नाइट्रो केम (205 गुना), गुजरात थीमिस बायोसिन (197 गुना) और टैनला प्लेटफॉर्म्स (188 गुना) शामिल हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि छोटी कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन में एक और चीज ने मदद की है, वह है पूरी अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ धातु, रक्षा और रसायन जैसे क्षेत्रों में मौलिक बदलाव। इस बदलाव से कई कंपनियों की कमाई और बुनियादी हालत में सुधार हुआ है। इन सबका फायदा यह हुआ कि ये शेयर कई गुना बढ़कर ‘मल्टीबैगर’ बन गए।

लेकिन, वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के क्रांति भाटिनी का कहना है कि पेनी स्टॉक और वैल्यू इन्वेस्टिंग (मूल्य के आधार पर निवेश) में काफी अंतर है। पेनी स्टॉक में तो शेयरों का मूल्यांकन बहुत ज्यादा होता है और उनकी कीमतें एक रुपये से दस रुपये के बीच होती हैं। दूसरी तरफ, वैल्यू इन्वेस्टिंग में उन शेयरों में निवेश किया जाता है जो कम मूल्य में मिल रहे होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे कंपनी की कमाई बढ़ती है, वैसे-वैसे शेयर की कीमत भी बढ़ने लगती है।

भाटिनी ने कहा, “भले ही अभी बाजार ऊपर की तरफ जा रहा है, लेकिन वैल्यू इन्वेस्टिंग हमेशा बना रहता है। पेनी स्टॉक में निवेश करने में हमेशा जोखिम रहता है। निवेशकों को किसी कंपनी में पैसा लगाने से पहले उसके मैनेजमेंट की क्वालिटी, कंपनी की मजबूती और भविष्य की विकास योजनाओं को समझना चाहिए।”

First Published : May 29, 2024 | 5:54 PM IST