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एनएसई की आईपीओ की योजना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:13 AM IST

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) एक बार फिर आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी कर रहा है। देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई ने इस बारे में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या वह एक बार फिर से आईपीओ लाने के लिए मसौदा दस्तावेज जमा करा सकता है। एनएसई ने यह कदम शेयरधारकों के बढ़ते दबाव के मद्देनजर उठाया है। कंपनी के कई निवेशक एक दशक से भी लंबे समय से अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
एक्सचेंज ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है, ‘एनएसई ने सेबी से आईपीओ लाने और विवरणिका जमा कराने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र का अनुरोध किया है।’
सूत्रों ने कहा कि बाजार नियामक ने अभी एक्सचेंज को हरी झंडी नहीं दी है। इस बारे में जानकारी के लिए एनएसई और सेबी को ईमेल किया गया लेकिन खबर लिखे जाने तक उनका जवाब नहीं आया। मामले के जानकार लोगों के अनुसार एक्सचेंज के बड़े शेयरधारक चाहते हैं कि सेबी और एनएसई सूचीबद्घता प्रक्रिया में तेजी लाएं। उन्होंने कई बार एनएसई प्रबंधन के समक्ष भी यह मसला उठाया है।
एनएसई के विदेशी शेयरधारकों  का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘हमारे लिए वास्तव में काफी लंबा समय हो गया है। सेबी द्वारा जारी गैर-मौद्रिक और सुधारात्मक उपायों का भी अनुपालन किया गया है। आईपीओ में अब अड़चन नहीं आनी चाहिए।’
अप्रैल 2019 में सेबी ने को-लोकेशन सुविधा में कथित अनियमितता को लेकर एनएसई को छह महीने के लिए पूंजी बाजार में जाने पर रोक लगा दी थी। एनएसई के अनुसार प्रतिबंध की अवधि 30 अक्टूबर, 2019 को खत्म हो चुकी है। हालांकि सेबी ने एक्सचेंज को अप्रैल 2014 से 12 फीसदी ब्याज सहित 625 करोड़ रुपये लौटाने का भी निर्देश दिया था। एनएसई ने सेबी के आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपीली पंचाट (सैट) में अपील की थी। पंचाट ने सुनवाई पूरी करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। इसी मसले पर सेबी ने दो और आदेश जारी किए थे जिन पर अभी सैट में सुनवाई चल रही है।
सूत्रों ने कहा कि सैट द्वारा आदेश पारित किए जाने से पहले एनएसई को आईपीओ की अनुमति देने के निर्णय को चुनौती दी जा सकती है। नियामक के एक अधिकारी ने कहा, ‘इस स्तर पर आईपीओ को मंजूरी देने से सैट में गलत संदेश जा सकता है। इसके अलावा सीबीआई जांच, ब्रोकरों के डिफॉल्ट तथा फरवरी में ट्रेडिंग ठप होने जैसे कुछ अहम मसले भी है, जिनका तार्किक समाधान निकालने की जरूरत है।’
एनएसई की सालाना रिपोर्ट में भी खुलासा किया गया है कि सेबी ने जनवरी 2021 में कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के डिफॉल्ट करने से जुड़े मामले को लेकर एनएसई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

First Published : August 1, 2021 | 11:56 PM IST