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एनएमसीई-रिलायंस मनी करार की जानकारी मांगी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 5:46 PM IST

कमोडिटी बाजार की नियामक फॉरवार्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) ने नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में रिलायंस मनी की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के प्रस्ताव की जानकारी एक्सचेंज से मांगी है।


नियामक ने रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी  (एडीएजी) के दूसरे कमोडिटी कारोबार और एक्सचेंज में एडीजीए द्वारा हिस्सेदरी खरीदने से उत्पन्न होनेवाले कारोबारों के आपसी टकराव रोकने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी देने को कहा है।

नियामक ने रिलायंस मनी के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुदीप बंदोपाध्याय को एक्सचेंज बोर्ड में स्वतंत्र सदस्य के रूप में नियुक्ति के कदम को भी अस्वीकार कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि एफएमसी ने रिलायंस मनी की हिस्सेदारी संबंधी कागजातों में अनियमितता पाई है जिसके बाद नियामक ने एक्सचेंज को इस संबंध में सारी जानकारी और इसके अलावा डील साइज और अन्य मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

हालांकि एफएमसी के अध्यक्ष बी सी खाटुआ ने कहा कि इस प्रस्ताव पर अभी काम हो रहा है लेकिन दूसरी तरफ एनएमसीई के एक कार्यकारी ने कहा कि  आर-एडीएजी केअलग से भी कमोडिटी कारोबार होने के कारण कारोबार के आपसी टकराव के बारे में नियामक ने कुछ खास जानकाररियां मांगी है।

इससे पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज ने भी नेशनल कमोडिटी एक्सचेंज में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का मन बनाया था लेकिन बाद में बीएसई ने अपनी इस योजना को रद्द कर दिया। रिलायंस मनी ने नियामक की सहमति मिलने पर एनएमसीई में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की थी।

बीएसई की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया जा रहा है यहां तक कि इस तरह की खबरों केबाद भी कि बीएसई के एनएमसीई में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की योजना कुछ सप्ताह पहले समाप्त कर दी गई थी। एडीएजी समूह ने हाल में ही ओवर द काउंटर बुलियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की शुरूआत की थी और इसकेआलाव समूह का कमोडिटी ब्रोकरेज का कारोबार भी है।

First Published : August 20, 2008 | 10:24 PM IST