संपत्ति प्रबंधन कंपनियों द्वारा पिछले 6 महीने के दौरान गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को दिए जाने वाले धन में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल नवंबर में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को दिए जाने वाले कर्ज पर जोखिम अधिभार बढ़ा दिया था, उसके बाद एनबीएफसी को दूसरे स्रोतों से धन जुटाना पड़ रहा है।
केयरएज रेटिंग के आंकड़ों के मुताबिक वाणिज्यिक पत्रों (सीपी) और कॉर्पोरेट ऋण (सीडी) के माध्यम से एनबीएफसी को दिया गया ऋण अक्टूबर 2023 के आखिर के 1.6 लाख करोड़ रुपये की तुलना में मई 2024 के आखिर में करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
वाणिज्यिक पत्रों और कॉर्पोरेट ऋण सहित एनबीएफसी को ऋण पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22 फीसदी बढ़कर 2.09 लाख करोड़ रुपये हो गया। दिया गया ऋण लगातार दूसरे महीने 2 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा।
वाणिज्यिक पत्रों (सीपी) में निवेश के माध्यम से म्युचुअल फंडों के द्वारा एनबीएफसी को दिया गया धन मई में 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसके पहले यह स्तर करीब 5 साल पहले मई 2019 में था। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लगातार 6 महीने से सीपी का एक्सपोजर 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा है।
जहां तक वित्तीय कंपनियों को बैंकों से मिलने वाले धन का सवाल है, भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में मई 2024 में 16 फीसदी बढ़कर 15.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है।