चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जून तिमाही में सतत या पर्यावरणीय, सामाजिक व संचालन व्यवस्था (ESG) फंडों से निकासी का सिलसिला जारी रहा। समीक्षाधीन तिमाही में इन फंडों से 520 करोड़ रुपये निकाले गए। मॉर्निंगस्टार की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछली तिमाही में क्षेत्र से 470 करोड़ रुपये निकाले गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘हालांकि शुरुआत में इसको लेकर रुचि देखी गई थी। हरित उपायों से जुड़े फंड में निरंतर पूंजी प्रवाह नहीं दिख रहा है। इससे तिमाही आधार पर इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।’
सालाना आधार पर अगर बात करें, तो क्षेत्र से वर्ष 2023 में 1,060 करोड़ रुपये निकाले गए हैं और 2022 में 1,020 करोड़ रुपये निकाले गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर हरित फंडों के लिए निवेशकों की रुचि बढ़ी और इनमें उल्लेखनीय वृद्धि भी हुई।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारतीय हरित फंड बाजार अब भी अपनी शुरुआती अवस्था में है। कोविड-19 के बाद से हमने यही प्रवृत्ति देखी है और इस दौरान कुछ नए फंड भी शुरू हुए थे। हालांकि, पिछले 24 महीने से कोई नया कोष शुरू नहीं हुआ है।’
पिछले 24 महीने में नए फंड शुरू नहीं होने से भारतीय ग्रीन फंड एसेट 10,000-12,000 करोड़ रुपये के आसपास स्थिर हो गई हैं। जून, 2023 तक स्थायी निधि संपत्ति 11,040 करोड़ रुपये थी, जिसमें एक साल पहले की तुलना में मामूली 1.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।