म्युचुअल फंड

इक्विटी फंडों के पास बढ़ी नकदी

रिपोर्ट के अनुसार 28 फरवरी तक 20 अग्रणी फंड कंपनियों की इक्विटी योजनाओं के पोर्टफोलियो में 6.8 फीसदी नकदी थी जो जनवरी में 6.1 फीसदी और दिसंबर 2024 में 5.9 फीसदी थी।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- March 17, 2025 | 10:23 PM IST

म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं के पास इस महीने की शुरुआत में भरपूर नकदी थी जबकि फरवरी में नया निवेश सिकुड़ा है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार 28 फरवरी तक 20 अग्रणी फंड कंपनियों की इक्विटी योजनाओं के पोर्टफोलियो में 6.8 फीसदी नकदी थी जो जनवरी में 6.1 फीसदी और दिसंबर 2024 में 5.9 फीसदी थी। यह कम से कम मई 2021 के बाद सबसे ज्यादा नकदी है।

नकदी के स्तर को अक्सर फंड मैनेजरों के मार्केट आउटलुक के तौर पर देखा जाता है। म्युचुअल फंडों के अधिकारी हालांकि पूरी तरह से निवेशित बने रहने की अनिवार्यता पर जोर देते हैं। लेकिन बाजार की अनिश्चितता, आगे खरीदारी के बेहतर अवसर मिलने की उम्मीद या अत्यधिक मूल्यांकन वाली अवधि के दौरान वे रणनीतिक तौर पर नकदी रखते हैं।

लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इक्विटी योजनाओं में नकदी के स्तर में बदलाव अस्थायी भी हो सकता है, जो पोर्टफोलियो के अहम समायोजन या तीव्र निवेश या महीने के आखिर में काफी ज्यादा निकासी के कारण संभव है।

शेयर बाजार पिछले कई महीनों से गिरावट के दौर से गुजर रहा है। फरवरी में उसने लगातार पांचवे महीने गिरावट दर्ज की। बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स में 5.9 फीसदी की गिरावट आई जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 10 फीसदी से ज्यादा की नरमी दर्ज हुई।

हाल में हुई गिरावट से इक्विटी के मूल्यांकन में नरमी के बावजूद फंड मैनेजर इस बात पर जोर देते हैं कि लार्जकैप को छेड़कर दूसरे शेयरों में मूल्यांकन महंगे बने हुए हैं। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयर (जो म्युचुअल फंडों के अधिकांश निवेश को आकर्षित करते हैं) लार्जकैप के मुकाबले काफी प्रीमियम पर कारोबार करना जारी रखे हुए हैं। हालांकि हाल के महीनों में यह प्रीमियम कम हुआ है।

टाटा एमएफ के एक नोट के अनुसार, निफ्टी 50 के मुकाबले निफ्टी मिडकैप 100 का मूल्यांकन प्रीमियम फरवरी 2025 के अंत तक घटकर 47 फीसदी रह गया जो जुलाई 2024 के करीब 71 फीसदी के उच्च स्तर से काफी नीचे है। इसी तरह निफ्टी 50 के मुकाबले स्मॉलकैप का मूल्यांकन प्रीमियम भी फरवरी में घटकर 25-30 फीसदी रह गया।

20 अग्रणी फंड कंपनियों में से एसबीआई, ऐक्सिस और टाटा के पास फरवरी में नकदी में खासी बढ़ोतरी हुई। लेकिन सिर्फ चार फंड कंपनियों ऐक्सिस, क्वांट, मोतीलाल ओसवाल और पराग पारिख के पास नकदी का स्तर 10 फीसदी से ज्यादा रहा।फंड मैनेजरों का संकेत है कि बाजार में अल्पावधि के झंझावात बने रह सकते हैं लेकिन गिरावट ने लंबी अवधि के निवेशकों के लिए खरीदारी के आकर्षक मौके सृजित किए हैं।

एसबीआई फंड ने हालिया नोट में कहा है, बाजार के मौजूदा झंझावात लंबी अवधि के निवेशकों के लिए प्रवेश के अच्छे स्तर की पेशकश करते हैं। भारतीय इक्विटी के लिए मध्यम से लेकर लंबी अवधि का परिदृश्य आय के चक्र में बढ़ोतरी के साथ जुड़ा हुआ है। हम अल्पावधि की

First Published : March 17, 2025 | 10:19 PM IST