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इक्विटी बाजार में उल्लास का माहौल और म्युचअल फंडों का रिटर्न के मोर्चे पर सुधरते प्रदर्शन ने इक्विटी को लेकर खुदरा निवेशकों की स्वाभाविक इच्छा को काफी ऊपर पहुंचा दिया है।
पिछले कुछ महीनों में म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं ने एकमुश्त व एसआईपी दोनों जरिये नए निवेश में बढ़ोतरी देखी है।
अगस्त-सितंबर 2023 के दौरान एमएफ की इक्विटी योजनाओं ने 35,270 करोड़ रुपये का एकमुश्त निवेश हासिल किया, जो इससे पहले के तीन महीने में महज 5,550 करोड़ रुपये रहा था। यह जानकारी उद्योग निकाय एम्फी के आंकड़ों से मिली।
इक्विटी योजनाओं में शुद्ध एसआईपी निवेश इस अवधि में 13,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 18,650 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
एसआईपी में निवेश को हालांकि बाजार के हालात से बहुत ज्यादा मतलब रखने वाला नहीं माना जाता है लेकिन एकमुश्त निवेश मौजूदा बाजार के सेंटिमेंट से खास संबंध रखता है।
उद्योग के अधिकारियों ने कहा, एसआईपी के उलट एकमुश्त निवेश ज्यादातर मौकापरस्त यानी अवसरवादी होता है, जिसकी वजह ऐसे निवेश से जुड़ा समय है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर ऐसा निवेश एचएनआई यानी धनाढ्य निवेशकों की तरफ से मिलता है।
क्वांटम एमएफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी जिमी पटेल ने कहा, एकमुश्त निवेश कुछ हद तक बाजार के सेंटिमेंट से जुड़ा होता है, खास तौर से अभी की तरह के चरणों के दौरान जब बाजार में उतारचढ़ाव हो रहा हो। लंबी अवधि का निवेश ज्यादातर एसआईपी के जरिये आता है। इसके अतिरिक्त एकमुश्त निवेश का संबंध नए फंडों और उन्हें मिलने वाले शुरुआती संग्रह से भी होता है।
ऐक्टिव इक्विटी के क्षेत्र में एनएफओ के जरिये अगस्त-अक्टूबर की अवधि में 10,500 करोड़ रुपये संग्रहित हुए, जो इससे पिछले तीन महीने में 6,220 करोड़ रुपये संग्रहित हुए थे।
सैपिएंट वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक अमित बिभालकर ने कहा, एकमुश्त निवेश में बढ़ोतरी म्युचुअल फंडों के सुधरे प्रदर्शन और बाजार में जोखिम उठाने वाले सेंटिमेंट की पृष्ठभूमि में हुई है। मार्च से ही इक्विटी बाजार में उल्लास का माहौल बना हुआ है, ऐसे में निवेशक नकदी झोंकने के लिए इसे उपयुक्त मौके के तौर पर देख रहे हैं, खास तौर से जो काफी समय से बाजार से बाहर प्रतीक्षा कर रहे थे।
मार्च में शुरू हुई मौजूदा तेजी के कारण म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं में खासा लाभ हुआ है। जून के आखिर में देसी इक्विटी योजनाओं (आईटी फंड को छोड़कर) ने एक साल की अवधि में दो अंकों में रिटर्न दिया है।
वित्त वर्ष 24 में अक्टूबर के आखिर तक निफ्टी-50 में करीब 10 फीसदी की उछाल आई है, वहीं एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स 8.3 फीसदी चढ़ा है। इस अवधि में निफ्टी मिडकैप 100 व निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों में क्रमश: 29 फीसदी व 41 फीसदी का इजाफा हुआ है।