आईपीओ

जुलाई में बाजार में सुधार के साथ IPO में आई रफ्तार, दर्जन भर कंपनियों ने जुटाए 10,000 करोड़ रुपये

सेकंडरी बाजार में मजबूती और सूचीबद्ध होने के लिए अनुकूल माहौल के साथ ही कंपनियों के वित्तीय आंकड़ों को अपडेट करने से बचने के कारण इस महीने अंतिम समय में आईपीओ की होड़ लगी है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- July 23, 2025 | 10:56 PM IST

IPO boom July 2025: इस साल जुलाई का महीना आईपीओ बाजार के लिए सबसे अच्छा साबित हो रहा है। इस महीने में करीब दर्जन भर कंपनियों ने अपने आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए हैं। इससे पहले दिसंबर 2024 में सबसे ज्यादा आईपीओ आए थे। उस समय 15 कंपनियों ने कुल मिलाकर 25,439 करोड़ रुपये जुटाए थे।

सेकंडरी बाजार में मजबूती और सूचीबद्ध होने के लिए अनुकूल माहौल के साथ ही कंपनियों के वित्तीय आंकड़ों को अपडेट करने से बचने के कारण इस महीने अंतिम समय में आईपीओ की होड़ लगी है।

इस महीने सूचीबद्ध हुई 10 कंपनियों को लि​स्टिंग के दिन औसतन 22 फीसदी लाभ हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निवेशकों का मनोबल बढ़ा है और खुदरा निवेशकों की बाजार में फिर से दिलचस्पी बढ़ी है। इस बीच लगातार चार महीनों की बढ़त के साथ बाजार भी मजबूत हुआ है। हालांकि इस महीने निफ्टी में अभी तक 1.2 फीसदी की गिरावट आई है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि सेकंडरी बाजार में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों का ध्यान आईपीओ की ओर खींचा है। महीने के अंत में करीब आधा दर्जन से ज्यादा आईपीओ आए। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि जो कंपनी आईपीओ लाना चाह रही हैं और 31 जुलाई तक निर्गम पेश नहीं करती हैं उसे अपना वित्तीय विवरण नए सिरे से अपडेट करना होगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि आईपीओ बाजार में तेजी ने टाटा कैपिटल, ग्रो, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, एनएसडीएल और जेएसडब्ल्यू सीमेंट जैसे बड़े निर्गम के लिए आधार तैयार किया है। इन कंपनियों का भी आईपीओ जल्द आ सकता है। 

सेंट्रम कैपिटल में पार्टनर, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग प्रांजल श्रीवास्तव ने कहा, ‘आईपीओ बाजार में जून से ही तेजी आनी शुरू हो गई थी और निर्गम की अच्छी मांग को देखते हुए अन्य कंपनियां भी तैयारी शुरू कर देती हैं।’

2025 के पहले तीन महीनों में आईपीओ बाजार में सुस्ती देखी गई। जनवरी से मार्च के बीच केवल 9 आईपीओ आए जबकि पिछले साल की इसी अवधि में 22 आईपीओ आए थे। करीब दो साल में पहली बार मार्च ऐसा महीना रहा जब एक भी आईपीओ नहीं आया। इसके पहले ऐसा मई 2023 में हुआ था।

अमेरिका द्वारा जवाबी शुल्क पर रोक लगाने और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा दरों में कटौती शुरू करने के बाद बाजार की धारणा में सुधार हुआ। इसके साथ ही बीते महीनों में बिकवाली के बाद बाजार अप्रैल के निचले स्तर से 13.8 फीसदी चढ़ चुका है। मई और जून के बीच 14 आईपीओ आए जिससे 26,671 करोड़ रुपये जुटाए गए।

प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, ‘बाजार में जब तेजी का दौर होता है ​तो कंपनियां आईपीओ लाने के लिए प्रेरित होती हैं। यदि तेजी न भी हो तो कम उठापटक होनी चाहिए। कई कंपनियां अपने आईपीओ लाने के लिए उत्सुक होंगी, भले ही स्थितियां अनुकूल न हों।’

First Published : July 23, 2025 | 10:35 PM IST