बीएस बातचीत
आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के कार्यकारी निदेशक और सीआईओ उमंग पपनेजा ने कहा है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से उठाए जाने वाले कदमों और नकदी में कमी को देखते हुए मिडकैप व स्मॉलकैप में सतर्कता से निवेश किए जाने की दरकार है। ऐश्ली कुटिन्हो को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, सरकारी प्रतिभूतियों, परपेचुअल बॉन्ड व क्रेडिट वाली अन्य प्रतिभूतियों के बीच का स्प्रेड 100 से 150 आधार अंकों के दायरे में है और क्रेडिट रिस्क फंडों और एटी-1 बॉन्डों के लिए उठाए जाने वाले जोखिम में यह पर्याप्त मुआवजे की पेशकश शायद नहीं करती। बातचीत के मुख्य अंश…
बाजार के मौजूदा माहौल में निवेशकों के लिए किन क्षेत्रों में मौके हैं?
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बाजार में कई मौके हैं। आय के बढ़ते स्तर और तेज होते शहरीकरण से देसी मांग सुधर रही है और यह स्वास्थ्य सेवा, टिकाऊ उपभोक्ता, दूरसंचार, मनोरंजन और यात्रा आदि के क्षेत्र में मांग बढ़ा रहा है। दूसरा, सरकार पूंजीगत खर्च के चक्र मेंं तेजी लाने की कोशिश कर रही है, जो तभी जोर पकड़ सकता है जब उपभोग की मांग बढ़े। सरकार विनिर्माण क्षेत्र के विस्तार पर ध्यान दे रही है और पीएलआई योजनाओं के जरिये स्थानीय विनिर्माण पर जोर है, ऐसे में बाहरी निर्भरता घट रही है। लंबे समय बाद हाउसिंग इंडस्ट्री बढ़त के दौर में प्रवेश करता दिख रही है और कई उद्योगों पर इसका सकारात्मक असर दिख सकता है। हालांकि हमें यह भी देखना चाहिए कि कुछ शेयर ऐसे भी हैं जो फंडामेंटल से आगे निकल गए हैं।
इस समय मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों पर आपकी क्या राय है?
मिडकैप व स्मॉलकैप क्षेत्र में हमेशा ही लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न सृजित करने की क्षमता होती है। निवेशकों को हालांकि कंपनियों का सही तरीके से विश्लेषण करना चाहिए यानी कारोबार की प्रकृति व उसके चरण और निवेश के जोखिम आदि। ये कंपनियां भारत की बढ़त की कहानी में भागीदारी कर सकती हैं और उन्हें सरकारी पीएलआई योजना और डिजिटलीकरण पर जोर से फायदा मिल सकता है। लेकिन अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित कदमों और नकदी में सिकुडऩ को देखते हुए इस क्षेत्र मेंं सावधानी से निवेश करना चाहिए।
क्या इस समय क्रेडिट रिस्क फंड और एटी-1 बॉन्ड के लिवाल हैं?
सरकारी प्रतिभूतियों, परपेचुअल बॉन्डों और क्रेडिट से जुड़ी अन्य प्रतिभूतियों के बीच स्प्रेड 100 से 150 आधार अंकों के दायरे में है। ऐसी प्रतिभूतियों में उठाए जाने वाले जोखिम को देखते हुए यह शायद पर्याप्त मुआवजा नहीं है। चूंकि वैश्विक नकदी सख्त हो रही है, ऐसे में संभावना यह है कि यह स्प्रेड और बढ़ेगा। हम बेहतर मौके के लिए कुछ और महीने इंतजार करना पसंद करेंगे।
परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर सोने को लेकर आपकी क्या राय है?
जब वास्तविक ब्याज दर महंगाई से कम होती है तब सोना एक परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर बेहतर प्रदर्शन करता है। वैश्विक स्तर पर हम नकारात्मक वास्तविक दर की अवधि में विस्तार देख सकते हैं, जो सोने के लिए बेहतर है। सोने में निवेश एक बार फिर निवेशकों की परिसंपत्ति आवंटन रणनीति से आगे बढ़ेगा।
क्या इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के तौर पर क्लाइंटों को विदेशी परिसंपत्तियां रखने की सिफारिश के साथ-साथ परिसंपत्ति विशाखन पर जोर दिया जा रहा है?
अधिकतम परिसंपत्ति आवंटन के जरिये विशाखन हमेशा से ही पोर्टफोलियो बनाने की हमारी अहम सिफारिशों में से एक रही है। जैसा कि हमने पहले कहा है हाउसिंग में सुधार हो रहा है और नकारात्मक वास्तविक ब्याज दरें न सिर्फ सोने के लिए बल्कि अन्य भौतिक परिसंपत्तियों के लिए बेहतर है। यह भौतिक परिसंपत्तियों में पारंपरिक आवंटन से ज्यादा आवंटन का मामला बनाता है।